Sunday, April 19, 2020

हिंदी - प्रेरणार्थक क्रिया

प्रेरणार्थक क्रिया
कक्षा- आठवी, नौवी एवं दसवीं
अपनी कापी में लिखे ।
दो क्रियाओं में से किसी भी एक का प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखना .

परिभाषा 
प्रेरणार्थक  क्रिया :- जिस क्रिया से इस बात का बोध होता है कि कर्ता स्वयं कार्य न कर किसी दूसरे से करवाता है,किसी को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है इस क्रिया को प्रेरणार्थक  क्रिया कहते हैं।
प्रथम प्रेरणार्थक :-  कार्य पूर्ण करने में एक ही प्रेरणा हो तो उसे प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते है ।
जैसे :-  शिक्षक छात्रों से पत्र लिखाते हैं।
द्वितीय प्रेरणार्थक :- यदि दो की प्रेरणाएं  हो तो द्वितीय प्रेरणार्थक कहते हैं .
जैसे:- शिक्षक मातापिता को कह छात्रों से पत्र लिखवाते हैं।

पाठ्य विषय से  संबंधित कुछ उदाहरण
ध्यान में रखें :
क्रिया के अंत में आना जोडने से प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया बनती है ।
क्रिया के अंत में वाना जोडने से द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया बनती है ।
दौडना      दौडाना   दौडवाना
बोलना      बुलाना    बुलवाना
रोना         रुलाना    रुलवाना
मिलना     मिलाना   मिलवाना
पीना.        पिलाना  पिलवाना
बनाना       बनाना    बनवाना
मानना      मनाना       मनवाना
लिखना     लिखाना    लिखवाना
जलना     जलाना      जलवाना
सुनना      सुनाना       सुनवाना

स्वाध्याय और गृहकार्य

क्रिया           प्रथम प्रे.         द्वितीय प्रे.

उतरना          -------             -------
फुटना           -------             -------
भागना           -------             -------
बीतना          -------             -------
देखना            -------             -------
ओढना          -------             -------
गिरना             -------             -------     
जागना           -------             -------   
काटना          -------             -------     
फिरना          -------             -------  
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