Tuesday, April 28, 2020

हिंदी - विशेषण

विशेषण
परिभाषा
विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।
बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टा आदि विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण हैं।
विशेषण के उदाहरण
ऐश्वर्या बहुत सुन्दर लड़की है।
जैसा कि आप ऊपर उदाहरण में देख सकते हैं ऐश्वर्या एक लड़की का नाम है। ऐश्वर्या नाम एक संज्ञा है। सुन्दर शब्द एक विशेषण है जो संज्ञा शब्द की विशेषता बता रहा है। चूंकि सुन्दर शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहा है इसलिए यह शब्द विशेषण कहलायेगा। जिस शब्द की विशेषण विशेषता बताता है उस शब्द को विशेष्य कहा जाता है।

विशेषण के भेद
विशेषण के मुख्यतः आठ भेद होते हैं :

1.गुणवाचक विशेषण
2.संख्यावाचक विशेषण
3.परिमाणवाचक विशेषण
4.सार्वनामिक विशेषण
5.व्यक्तिवाचक विशेषण
6.प्रश्नवाचक विशेषण
7.तुलनाबोधक विशेषण
8.सम्बन्धवाचक विशेषण

1. गुणवाचक विशेषण :
जो विशेषण हमें संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग आदि का बोध कराते हैं वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:
१) लालकिला एक सुन्दर इमारत है।
२) अहमदनगर में मेरा पुराना घर है।
३) भारत  में स्वस्थ लोग रहते हैं।
४) मैं ताज़ा सब्जियाँ लाया हूँ ।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आपने देखा सुन्दर, पुराना, स्वस्थ, ताज़ा आदि शब्दों से विभिन्न वस्तुओं व्यक्तिओं आदि का रंग, रूप,  गुण आदि बताने की कोशिश की जा रही है।
जैसा कि हमें पता है संज्ञा या सर्वनाम का रूप रंग, गुणवत्ता आदि का जो शब्द बोध कराते हैं वे विशेषण कहलाते हैं ,अतः ये शब्द विशेषण कहलायेंगे।

2. संख्यावाचक विशेषण :
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बोध कराते हैं वे शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
क) निश्चित संख्यावाचक विशेषण 
जैसे:
१) विलास चार बार खाना खाता है।
२) मीनल दो केले खाती है।
३) दुनिया में सात अजूबे हैं।
४) हमारे विद्यालय में दो सौ विद्यार्थी पढ़ते हैं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं चार, दो ,सात, दो सौ आदि शब्द हमें बता रहे हैं कि विलास कितनी बार खाना खाता है मीनल कितने केले खाती है, दुनिया में कितने अजूबे हैं आदि।
अगर हम ये शब्द नहीं लगाते तो हमें निश्चितता नहीं होती। यहाँ ये शब्द हमें संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बता रहे हैं। अतः ये संख्यावाचक विशेषण कहलायेंगे।
ख) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जैसे:
१) कुछ सैनिक आ रहे हैं।
२) अनेक जानवर घूम रहे हैं।
3. परिमाणवाचक विशेषण
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा(नाप तौल) के बारे में बताते हैं वे शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण 
जैसे:
१) मुझे एक किलो टमाटर लाकर दो।
२) बाज़ार से आते वक्त आधा किलो चीनी लेते आना।
३) जाओ एक मीटर कपड़ा लेकर आओ।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं एक किलो, आधा किलो इत्यादि शब्द हमें संज्ञा या सर्वनाम का परिमाण बता रहे हैं।
इससे हमें पता चलता है कि कितने टमाटर लाने हैं, कितनी चीनी लानी है एवं  कितना कपड़ा लाना है।
ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण 
१) मुझे थोड़ा सा खाना चाहिए।
२) सब्जी में बहुत नमक हैं।
4. सार्वनामिक विशेषण:
जो सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आएं एवं विशेषण की तरह उस संज्ञा शब्द की विशेषता बताएं तो वे शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:
१) यह लड़का कक्षा में अव्वल आया।
२) वह आदमी अच्छे से काम करना जानता है।
३) कौन है जो बाहर खडा है .
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं यह, वह, कौन आदि शब्द संज्ञा शब्द से पहले लग रहे हैं एवं विशेषण की तरह उन संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं।

5. व्यक्तिवाचक विशेषण :
जो शब्द असल में व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं और विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं, वे शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे: लखनऊ से लखनवी आदि।
जैसे:
१) मुझे भारतीय खाना बहुत पसंद है।
२) आपका यह लखनवी अंदाज़ मुझे अच्छा लगा।
३) बनारसी साड़ी मुझे सबसे ज्यादा पसंद है।
४) हमारी दूकान पर जयपुरी मिठाइयां मिलती हैं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि भारतीय, लखनवी, बनारसी व जयपुरी आदि शब्द हमें खाने, अंदाज़ आदि के बारे में बता रहे हैं।
ये शब्द एक व्यक्तिवाचक संज्ञा से बन रहे हैं एवं बाद में विशेषण बना रहे है। अतः यह व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

6. संबंधवाचक विशेषण
जब विशेषण शब्दों का प्रयोग करके किसी एक वस्तु या व्यक्ति का संबंध दूसरी वस्तु या व्यक्ति के साथ बताया जाए, तो वह संबंधवाचक विशेषण कहलाता है। इस तरह के विशेषण क्रिया, क्रिया-विशेषण आदि से बनते हैं।
जैसे: अंदरूनी यह शब्द अन्दर शब्द से बना है जो कि एक क्रिया विशेषण है। भीतरी : यह शब्द भीतर शब्द से बना है। जो की एक क्रियाविशेषण है।
जैसे:
१) ज्वालामुखियों की भीतरी सतह ज्यादा गरम होती है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं भीतरी शब्द का प्रयोग किया गया है।
यह शब्द हमें ज्वालामुखी की बाहरी एवं भीतरी सतह के सम्बन्ध के बारे में बता रहा है। यह शब्द भी एक क्रियाविशेषण शब्द से बना हुआ है। अतः यह उदाहरण संबंधवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेगा।

7. तुलनाबोधक विशेषण
जैसा कि हम सभी जानते हैं विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। लेकिन कई बार दो वस्तुओ के गुण दोष आदि की तुलना कि जाती है। जिन शब्दों से दो वस्तुओं कि परस्पर तुलना की जाती है वे शब्द तुलनाबोधक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:
१) राम सुरेश से ज्यादा सुन्दर है।
यहाँ दो व्यक्तियों की विशेषताओं की तुलना की जा रही है।
२) ज़िन्दगी में एक शेर की भांति निडर होना चाहिए।
३) मिल्खा बोल्ट से ज्यादा तेज़ भागता है।
४) सभी महासागरों में प्रशांत महासागर विशालतम है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं ज्यादा सुन्दर, निडर, ज्यादा तेज़, विशालतम आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है।
इन शब्दों से दो या दो से ज्यादा वस्तु, व्यक्ति स्थान आदि के गुण दोष आदि की तुलना की जा रही है। इनसे हमें पता चल रहा है कि श्रेष्ठ या सर्वश्रेष्ठ कौन है। अतः ये उदाहरण तुलनाबोधक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

8. प्रश्नवाचक विशेषण
ऐसे शब्द जिनका संज्ञा या सर्वनाम में जानने के लिए प्रयोग होता है, जैसे कौन, क्या आदि वे शब्द प्रश्नवाचक विशेषण कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हमें किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में ज्यादा जानने की कोशिश की जाती है।
जैसे:
१) मेरे जाने के बाद कौन यहाँ आया था ?
२) तुम कौन सी वस्तु के बारे में बात कर रहे हो?
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं, कौन शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह शब्द किसी वस्तु या व्यक्ति के बारे में जानकारी लेने में सहायक है। अतः ये उदाहरण प्रश्नवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

स्वाध्याय एवं गृहकार्य
निम्नलिखित विशेषण शब्दों का भेदों के अनुसार वर्गीकरण कीजिए :-
दस          हल्का      हमारे      मीटर           थोडा      अनेक
उसकी     अधिक     प्रसन्न      वीर              सात       पहला
ज्यादा      तुम्हारा     थोड़े       किलोग्राम     कितने     लीटर

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