वचन
शब्द के जिस रूप से उसके एक अथवा अनेक होने का बोध होता है उसे वचन कहते हैं।
हिंदी में दो वचन हैं।
१) एकवचन
२) बहुवचन
१) एकवचन
शब्द के जिस रूप से उसके एक संख्या में होने का बोध होता है उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे:-
लड़का, पतंग, पुस्तक,गाड़ी, पुरुष।
२) बहुवचन
शब्द के जिस रूप से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं का बोध होता है उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे:-
लड़कें ,पतंगें , पुस्तकें, गाड़ियां, पुरुषों ।
गणनीय संज्ञाएंँ जिसे गिना जाता है।
भेजें पुस्तकें,सेब,संत्रे ,मकान
अगणनीय संज्ञाएंँ (जिसे नापातौला जा सकता है ऐसी )
सोना ,चांदी ,आटा ,तेल ,घी
आदर सूचित करने के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है ।
जैसे:-
महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे।
मेरे पिताजी अध्यापक हैं।
निम्न संज्ञाएं सदा बहुवचन में प्रयुक्त होती हैं।
जैसे:-
लोग ,दर्शन,प्रजा ,रोम ,प्राण ,बाल,होश ,हस्ताक्षर ,चरण ।
जिन शब्दों के साथ जाति दल सेना समूह आदि प्रयुक्त होता है उनका प्रयोग एकवचन में होता है।
जैसे
मनुष्यजाति
छात्रदल
जनसमूह
भाववाचक संज्ञाएं एकवचन में होती हैं ।
मिठास ,सुंदरता ,मोह
पुल्लिंग संज्ञाओं का बहुवचन
आ कारात संज्ञाओं के अंतिम आ के स्थान पर ए कारांत लगाने से बहुवचन होता है।
जैसे:-
कपड़ा कपड़े
बच्चा बच्चें
पंखा पंखे
लड़का लड़कें
(अपवाद काका,मामा,लाला,पापा,नाना, चाचा,दरोगा ,पंडा,ओझा,दारा )
वचनों के समान रूप(एकवचन और बहुवचन )
बालक बालक
योगी योगी
साधु साधु
कवि कवि
याॅं जोड़कर
जाति जातियांँ
तिथि तिथियांँ
ई को इयांँ जोड़कर बहुवचन
घोड़ी घोड़ियांँ
लड़की लड़कियांँ
स्री स्रीयाँ
ए लगाने से बहुवचन
आत्मा आत्माएंँ
धेनु धेनुएंँ
गौ गौएंँ
बहू बहुएंँ
कृतिकार्य
वचन बदलिए
पुस्तक आंँख काफी चिड़िया चाचा
कुत्ता सेना झाड़ू मामी पडोसिन
पति माला परीक्षा डिबिया दादा
नातिन पड़ोसी ग्रंथ ग्वालन
शब्द के जिस रूप से उसके एक अथवा अनेक होने का बोध होता है उसे वचन कहते हैं।
हिंदी में दो वचन हैं।
१) एकवचन
२) बहुवचन
१) एकवचन
शब्द के जिस रूप से उसके एक संख्या में होने का बोध होता है उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे:-
लड़का, पतंग, पुस्तक,गाड़ी, पुरुष।
२) बहुवचन
शब्द के जिस रूप से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं का बोध होता है उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे:-
लड़कें ,पतंगें , पुस्तकें, गाड़ियां, पुरुषों ।
गणनीय संज्ञाएंँ जिसे गिना जाता है।
भेजें पुस्तकें,सेब,संत्रे ,मकान
अगणनीय संज्ञाएंँ (जिसे नापातौला जा सकता है ऐसी )
सोना ,चांदी ,आटा ,तेल ,घी
आदर सूचित करने के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है ।
जैसे:-
महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे।
मेरे पिताजी अध्यापक हैं।
निम्न संज्ञाएं सदा बहुवचन में प्रयुक्त होती हैं।
जैसे:-
लोग ,दर्शन,प्रजा ,रोम ,प्राण ,बाल,होश ,हस्ताक्षर ,चरण ।
जिन शब्दों के साथ जाति दल सेना समूह आदि प्रयुक्त होता है उनका प्रयोग एकवचन में होता है।
जैसे
मनुष्यजाति
छात्रदल
जनसमूह
भाववाचक संज्ञाएं एकवचन में होती हैं ।
मिठास ,सुंदरता ,मोह
पुल्लिंग संज्ञाओं का बहुवचन
आ कारात संज्ञाओं के अंतिम आ के स्थान पर ए कारांत लगाने से बहुवचन होता है।
जैसे:-
कपड़ा कपड़े
बच्चा बच्चें
पंखा पंखे
लड़का लड़कें
(अपवाद काका,मामा,लाला,पापा,नाना, चाचा,दरोगा ,पंडा,ओझा,दारा )
वचनों के समान रूप(एकवचन और बहुवचन )
बालक बालक
योगी योगी
साधु साधु
कवि कवि
याॅं जोड़कर
जाति जातियांँ
तिथि तिथियांँ
ई को इयांँ जोड़कर बहुवचन
घोड़ी घोड़ियांँ
लड़की लड़कियांँ
स्री स्रीयाँ
ए लगाने से बहुवचन
आत्मा आत्माएंँ
धेनु धेनुएंँ
गौ गौएंँ
बहू बहुएंँ
कृतिकार्य
वचन बदलिए
पुस्तक आंँख काफी चिड़िया चाचा
कुत्ता सेना झाड़ू मामी पडोसिन
पति माला परीक्षा डिबिया दादा
नातिन पड़ोसी ग्रंथ ग्वालन
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