Saturday, May 9, 2020

हिंदी - कठिन शब्दों के अर्थ

कठिन शब्दों के अर्थ

वास्तव में शब्द कभी भी कठिन नहीं होता वह हमारे लिए अपरिचित होता है।हमने उसे जानने समझने की कोशिश नहीं की होती है।
शब्द कठिन नहीं नया होता है ।और ऐसे शब्दों का अर्थ हमें मालूम होना जरूरी है । हिंदी भाषा में तीन चार लाख से भी अधिक शब्द है सभी के सभी हमें परिचित नहीं होते कुछ शब्द नये होते हैं अर्थ की दृष्टि से कठिन लगते हैं ऐसे ही कुछ शब्दों से आज हम परिचित करवा रहे हैं।

कुछ अपरिचित शब्द

बथान  = गाय बैल को बांधने का स्थान (गोठा)

मवेशी = खेती उपयुक्त पशु 

हौका =दीर्घ नि:श्वास

खली = तिलहन (पेंड)

कांजी हाऊस = मवेशीखाना (कोंडवाडा)

औंधा = उल्टा ,ओणवा

क्लिस्ट = जटिल = ‘कठिन’।

अट्टालिका = किसी उंच्ची इमारत का ऊपरी कक्ष या हिस्सा।

जिजीविषा =  जीवित रहने की इच्छा।

तारतम्य = किसी घटना या क्रम की आवृत्ति।

अक्षुण्ण = जिसके टुकड़े करना संभव ना हो।

कृतघ्न= उपकार ना मानने वाला।

निर्वाण का अर्थ – मुक्ति, मोक्ष या मृत्यु

निर्माण  – बनना

बाग़  – बगीचा

आचार  – व्यवहार या आचरण

कंगाल – जिस के पास बिल्कुल धन न हो

तरणि  – नौका

अनिष्ट  – नुक़सान

अवधि  – काल

आभास  – अनुभूति

दैव  – भाग्य

अश्लील = गंदा

अनायास= बिना मेहनत के

अभियान= उद्देश्यपूर्ण यात्रा

अस्थि= हड्डी

अनुचित= बुरा

रिक्त= खाली

विख्यात= मशहूर

शिखर= पहाड़ की चोटी

संशोधन= सुधार

सुरभित = सुगंधित

सिद्ध= प्रमाणित

वसुधा = धरती

वसन= कपड़ा

वरुण = जल के देवता

प्रभाकर= सूर्य

संगणक = कंप्‍यूटर

नश्वारता = नाशवान

यत्किंचित = थोड़ा बहुत

प्रगल्भ =चतुर, हाेशियार

क्षीणवपु - कमजोर

आरूझाई- उलझाना

पाषाण कोर्त्तक= पत्थर की मूर्ति बनाने वाला

निर्निमेष =अपलक देखना

चरायंध = दुर्गंध

सांसोच्छेदन =सांसों को समाप्त करना

श्लाघ्य = प्रशंसनीय

स्वैराचार = स्वेच्छाचार  

सुमुत्सुक = उत्साहित

वात्याचक्र = भंवर

हस्तामलकवत्=हथेली पर रखे आंवले के समान

भक्ष्याभक्ष = खादय, अखादय

विस्थापन=लोगों को अपने घरों एवं जमीनों से हटाना।

गाद = नदियों द्वारा वहन किये जाने वाले मिट्टी, रेत, धूल एवं पत्थर।

स्वैच्छिक संस्था = एक संस्था जो सरकार से स्वतंत्र हो।

अम्बर = वस्त्र, आकाश

अन्तर = फर्क, दूरी, भेद

चक्र = एक अस्त्र, षड्यंत्र, पहिया

जलधर = बादल, सागर

पूत = पवित्र, पुत्र

सूत = सारथी, धागा
 
अभिराम = मनोहर

मंदर = पर्वत

युगल = दो का जोड़ा

व्यजन = पंखा  

सम्प्रति = अब

स्मित = मुस्कान

द्विप = हाथी

परिषद् = सभा

चरम = अंतिम सीमा

भित्ति = दीवार

व्याधि = बीमारी

स्वेद = पसीना  

द्वीप = टापू

प्राकार = चारदीवारी

कृति कार्य
1. निम्नलिखित नए शब्दों का अर्थ अपनी काफी में लिखिए ।
 
2. स्वाध्याय 
प्रत्येक पाठ में आए लेकिन आपको कठिन या अपरिचित लगने वाले शब्दों की सूची बनाइए और शिक्षकों से  अर्थ जानने व लिखने की कोशिश कीजिए।

https://testmoz.com/q/3236714  इस लिंक पर जाकर परीक्षा दीजिए ।

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