Thursday, April 30, 2020

हिंदी - कारक और उनकी विभक्तियाँ

कारक और उनकी विभक्तियाँ

कारक  किसी कार्य को करने वाला
परिभाषा :- वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की वह अवस्था जिसके द्वारा उसका क्रिया के साथ संबंध प्रकट होता है ।


1.कर्ताकारक  (ने) प्रथमा 
कार्य या करने वाले का बोध
उदा:-
१) मनोहर खेलता है ।
२) बालिका ने भरता बनाया ।
३) मोहन लिख रहा है ।
४) हाथी झूम रहा है।
५) माया ने अध्ययन किया।
६) मृणाल ने यात्रा की ।

2.कर्मकारक  (को )  द्वितिया 
क्रिया का फल जिसपर पड़ता है उसका बोध होता है ।
उदा:-
१) गिरिजा ने पंछी को उड़ाया ।
२) संजय पुस्तक पढ़ रहा है ।
३) मंजिरी ढोलक बजा रही है।
४) सोहम गेंद खेल रहा है ।

3.करणकारक  (से)  तृतीया
साधन का बोध होता है ।
उदा:-
१) चाकू से पेंसिल काटी गई ।
२) उसने ब्रश से चित्र रंगाया ।
३) मेरा भाई दाँए हाथ से लिखता है ।
४) हम दही के साथ रोटी खाते हैं।
५) मैं मोहन के द्वारा संदेश भेज दूंगा।

4.संप्रदानकारक  (को,के लिए)  चतुर्थी
किसके लिए का बोध होता है
उदा:-
१) भूखे को अन्य दो ।
२) भैया मुन्नी के लिए खिलौना ले आए ।
३) अपनी पुस्तकें दूसरों को मत दो ।
४) अध्यापक ने छात्रों के लिए पुस्तक लिखी।

5.अपादान कारक (से)  पंचमी
तुलना या पृथक होने का बोध होता है ।
उदा :-
१) स्टेशन से गाड़ी छूटती है ।
२) सबसे कौन बड़ा है?
३) मोहन छत से कूद पड़ा ।
४) यह घर से भाग चुका है।

6. संबंधकारक (का,की,के)  षष्ठी 
संबंध, अधिकार या नाता का बोध होता है।
उदा:- 
१) उसका हक है ।
२) विश्वास की किताब है ।
३) राम के भाई ।
४) गाय के पूंँछ या पैर।
५) सुरभि का लेख सुंदर है।
६) प्रणव की माता जी आ रही हैं।

7.अधिकरण कारक  (में ,पर)  सप्तमी
स्थान (कहाँ) का बोध होता है ।
उदा:-
१) टेबल में पुस्तक है।
२) मेज पर किताब है।
३) रास्ते पर रोडा पड़ा है ।
४) चिड़िया पेड़ पर बैठी है ।
५) लॉकडाउन में घर के भीतर बैठो ।
६) छत के ऊपर चलें आओ।

8. संबोधन कारक  अष्टमी
कोई विभक्ति - चिह्न नहीं होता ।
उदा:-
१) हे भगवान! मुझे करोना से बचाइए ।
२) अरे भाई !तुम अब तक कहाँ थे ?

कुछ उदाहरण:-
1लक्ष्मी ने आज भी दूध नहीं दिया । (दूध कर्मकारक)
2.नारी महान है । (नारी कर्ताकारक )
3.आप अस्पताल में हैं। (अस्पताल में अधिकरणकारक )
4. ईश्वर की प्राप्ति आसानी से नहीं होती । (ईश्वर की संबंधकारक)
5.गोवा की मांडवी नदी वर्ष भर पानी से भरी रहती है । (पानी से करणकारक)
6.चाची अपने कमरे से निकल गई । (कमरे से अपादान कारक)
7.धन कमाने के लिए अनेक व्यवसाय चल रहे हैं। (के लिए संप्रदान कारक) 

स्वाध्याय एवं कृतिकार्य
निम्नलिखित वाक्यों में अधोरेखांकित शब्दों के कारक बताइए ।
१) राजा ने चारों बहनों को बुलाया ।
२) सुबह का समय था । 
३) मेरा काम तो पुणे में था ।
४) श्रीमती जी ने सूची मुझे दे दी ।
५) मेहनत से मिलने वाला धन ही मेरा है ।
६) वैद्य जी, यह आपकी भेंट है ।

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Wednesday, April 29, 2020

हिंदी - अव्यय

अव्यय
अव्यय क्या होता है :-
जिनके रूप में लिंग , वचन , पुरुष , कारक , काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अव्यय शब्द कहते हैं।  इन शब्दों को अविकारी शब्द भी कहा जाता है।
जैसे :-
जब , तब , अभी ,अगर , वह, वहाँ , यहाँ , इधर , उधर , किन्तु , परन्तु , बल्कि , इसलिए , अतएव , अवश्य , तेज , कल , धीरे , लेकिन , चूँकि , क्योंकि आदि।

अव्यय के भेद :-
1. क्रिया-विशेषण अव्यय
2. संबंधसूचक अव्यय
3. समुच्चयबोधक अव्यय
4. विस्मयादिबोधक अव्यय

1. क्रिया-विशेषण अव्यय:- 
जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है उसे क्रिया -विशेषण कहते हैं।
यहाँ , तेज , अब , रात , धीरे-धीरे , प्रतिदिन , सुंदर , वहाँ , तक , जल्दी , अभी , बहुत आते हैं वहाँ पर क्रियाविशेषण अव्यय होता है।
जैसे :-
 (i) वह यहाँ से चला गया।
(ii) घोडा तेज दौड़ता है।
(iii) अब पढना बंद करो।
(iv) बच्चे धीरे-धीरे चल रहे थे।
(v) वे लोग रात को पहुँचे।
(vi) सुधा प्रतिदिन पढती है।
(vii) वह यहाँ आता है।
(viii) रमेश प्रतिदिन पढ़ता है।
(ix) सुमन सुंदर लिखती है।
(x) मैं बहुत थक गया हूँ।


2. संबंधसूचक अव्यय :- 
जिन अव्यय शब्दों के कारण संज्ञा के बाद आने पर दूसरे शब्दों से उसका संबंध बताते हैं उन शब्दों को संबंधबोधक शब्द कहते हैं। ये शब्द संज्ञा से पहले भी आ जाते हैं।
बाद , भर , के ऊपर , की और , कारण , ऊपर , नीचे , बाहर , भीतर , बिना , सहित , पीछे , से पहले , से लेकर , तक , के अनुसार , की खातिर , के लिए आते हैं वहाँ पर संबंधबोधक अव्यय होता है।
जैसे :-
(i) मैं विद्यालय तक गया।
(ii) स्कूल के समीप मैदान है।
(iii) धन के बिना व्यवसाय चलाना कठिन है।
(iv) सुशील के भरोसे यह काम बिगड़ गया।
(v) मैं पूजा से पहले स्नान करता हूँ।
(vi) मैंने घर के सामने कुछ पेड़ लगाये हैं।
(vii) उसका साथ छोड़ दीजिये।
(viii) छत पर कबूतर बैठा है।
(ix) राम भोजन के बाद जायेगा।
(x) मोहन दिन भर खेलता है।
(xi) छत के ऊपर राम खड़ा है।
(xii) रमेश घर के बाहर पुस्तक रख रहा था।
(xiii) पाठशाला के पास मेरा घर है।
(xiv) विद्या के बिना मनुष्य पशु


3. समुच्चयबोधक अव्यय :- जो शब्द दो शब्दों , वाक्यों और वाक्यांशों को जोड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। इन्हें योजक भी कहा जाता है। ये शब्द दो वाक्यों को परस्पर जोड़ते हैं।
और , तथा , लेकिन , मगर , व , किन्तु , परन्तु , इसलिए , इस कारण , अत: , क्योंकि , ताकि , या , अथवा , चाहे , यदि , कि , मानो , आदि , यानि , तथापि आते हैं वहाँ पर समुच्चयबोधक अव्यय होता है।
जैसे :-
(i) सूरज निकला और पक्षी बोलने लगे।
(ii) छुट्टी हुई और बच्चे भागने लगे।
(iii) किरन और मधु पढने चली गईं।
(iv) मंजुला पढने में तो तेज है परन्तु शरीर से कमजोर है।
(v) तुम जाओगे कि मैं जाऊं।
(vi) माता जी और पिताजी।
(vii) मैं पटना आना चाहता था लेकिन आ न सका।
(viii) तुम जाओगे या वह आयेगा।
(ix) सुनील निकम्मा है इसलिए सब उससे घृणा करते हैं।
(x) गीता गाती है और मीरा नाचती है।
(xi) यदि तुम मेहनत करते तो अवश्य सफल होगे।
(xii) मोहन पढ़ता है और सोहन लिखता है।


4. विस्मयादिबोधक अव्यय :- जिन अव्यय शब्दों से हर्ष , शोक , विस्मय , ग्लानी , लज्जा , घर्णा , दुःख , आश्चर्य आदि के भाव का पता चलता है उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। इनका संबंध किसी पद से नहीं होता है।  विस्मयादिबोधक अव्यय में (!) चिन्ह लगाया जाता है।
जैसे :-
(i) वाह! क्या बात है।
(ii) हाय! वह चल बसा।
(iii) आह! क्या स्वाद है।
(iv) अरे! तुम यहाँ कैसे।
(v) छि:छि:! यह गंदगी।
(vi) वाह! वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।
(vii) अहो! क्या बात है।
(viii) अहा! क्या मौसम हैं।
(ix) अरे! आप आ गये।
(x) हाय! अब मैं क्या करूँ।
(xi) अरे! पीछे हो जाओ , गिर जाओगे।
(xii) हाय! राम यह क्या हो गया।


क्रिया -विशेषण और संबंधसूचक अव्यय में अंतर :-
जब अव्यय शब्दों का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम के साथ किया जाता है तब ये संबंधबोधक होते हैं और जब अव्यय शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं तब ये क्रिया -विशेषण होते हैं।
जैसे :-
(i) बाहर जाओ।
(ii) घर से बाहर जाओ।
(iii) उनके सामने बैठो।
(iv) मोहन भीतर है।
(v) घर के भीतर सुरेश है।
(vi) बाहर चले जाओ।

स्वाध्याय और कृतिकार्य 
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
१) यहाँ      २) कहीं          ३) सामने    ४) तरफ    ५) भी
६) बहुत     ७) रत- दिन   ८) उधर     ९) सदैव     १०) लगातार ।

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Tuesday, April 28, 2020

हिंदी - विशेषण

विशेषण
परिभाषा
विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।
बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टा आदि विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण हैं।
विशेषण के उदाहरण
ऐश्वर्या बहुत सुन्दर लड़की है।
जैसा कि आप ऊपर उदाहरण में देख सकते हैं ऐश्वर्या एक लड़की का नाम है। ऐश्वर्या नाम एक संज्ञा है। सुन्दर शब्द एक विशेषण है जो संज्ञा शब्द की विशेषता बता रहा है। चूंकि सुन्दर शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहा है इसलिए यह शब्द विशेषण कहलायेगा। जिस शब्द की विशेषण विशेषता बताता है उस शब्द को विशेष्य कहा जाता है।

विशेषण के भेद
विशेषण के मुख्यतः आठ भेद होते हैं :

1.गुणवाचक विशेषण
2.संख्यावाचक विशेषण
3.परिमाणवाचक विशेषण
4.सार्वनामिक विशेषण
5.व्यक्तिवाचक विशेषण
6.प्रश्नवाचक विशेषण
7.तुलनाबोधक विशेषण
8.सम्बन्धवाचक विशेषण

1. गुणवाचक विशेषण :
जो विशेषण हमें संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग आदि का बोध कराते हैं वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:
१) लालकिला एक सुन्दर इमारत है।
२) अहमदनगर में मेरा पुराना घर है।
३) भारत  में स्वस्थ लोग रहते हैं।
४) मैं ताज़ा सब्जियाँ लाया हूँ ।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आपने देखा सुन्दर, पुराना, स्वस्थ, ताज़ा आदि शब्दों से विभिन्न वस्तुओं व्यक्तिओं आदि का रंग, रूप,  गुण आदि बताने की कोशिश की जा रही है।
जैसा कि हमें पता है संज्ञा या सर्वनाम का रूप रंग, गुणवत्ता आदि का जो शब्द बोध कराते हैं वे विशेषण कहलाते हैं ,अतः ये शब्द विशेषण कहलायेंगे।

2. संख्यावाचक विशेषण :
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बोध कराते हैं वे शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
क) निश्चित संख्यावाचक विशेषण 
जैसे:
१) विलास चार बार खाना खाता है।
२) मीनल दो केले खाती है।
३) दुनिया में सात अजूबे हैं।
४) हमारे विद्यालय में दो सौ विद्यार्थी पढ़ते हैं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं चार, दो ,सात, दो सौ आदि शब्द हमें बता रहे हैं कि विलास कितनी बार खाना खाता है मीनल कितने केले खाती है, दुनिया में कितने अजूबे हैं आदि।
अगर हम ये शब्द नहीं लगाते तो हमें निश्चितता नहीं होती। यहाँ ये शब्द हमें संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बता रहे हैं। अतः ये संख्यावाचक विशेषण कहलायेंगे।
ख) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जैसे:
१) कुछ सैनिक आ रहे हैं।
२) अनेक जानवर घूम रहे हैं।
3. परिमाणवाचक विशेषण
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा(नाप तौल) के बारे में बताते हैं वे शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण 
जैसे:
१) मुझे एक किलो टमाटर लाकर दो।
२) बाज़ार से आते वक्त आधा किलो चीनी लेते आना।
३) जाओ एक मीटर कपड़ा लेकर आओ।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं एक किलो, आधा किलो इत्यादि शब्द हमें संज्ञा या सर्वनाम का परिमाण बता रहे हैं।
इससे हमें पता चलता है कि कितने टमाटर लाने हैं, कितनी चीनी लानी है एवं  कितना कपड़ा लाना है।
ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण 
१) मुझे थोड़ा सा खाना चाहिए।
२) सब्जी में बहुत नमक हैं।
4. सार्वनामिक विशेषण:
जो सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आएं एवं विशेषण की तरह उस संज्ञा शब्द की विशेषता बताएं तो वे शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:
१) यह लड़का कक्षा में अव्वल आया।
२) वह आदमी अच्छे से काम करना जानता है।
३) कौन है जो बाहर खडा है .
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं यह, वह, कौन आदि शब्द संज्ञा शब्द से पहले लग रहे हैं एवं विशेषण की तरह उन संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं।

5. व्यक्तिवाचक विशेषण :
जो शब्द असल में व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं और विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं, वे शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे: लखनऊ से लखनवी आदि।
जैसे:
१) मुझे भारतीय खाना बहुत पसंद है।
२) आपका यह लखनवी अंदाज़ मुझे अच्छा लगा।
३) बनारसी साड़ी मुझे सबसे ज्यादा पसंद है।
४) हमारी दूकान पर जयपुरी मिठाइयां मिलती हैं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि भारतीय, लखनवी, बनारसी व जयपुरी आदि शब्द हमें खाने, अंदाज़ आदि के बारे में बता रहे हैं।
ये शब्द एक व्यक्तिवाचक संज्ञा से बन रहे हैं एवं बाद में विशेषण बना रहे है। अतः यह व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

6. संबंधवाचक विशेषण
जब विशेषण शब्दों का प्रयोग करके किसी एक वस्तु या व्यक्ति का संबंध दूसरी वस्तु या व्यक्ति के साथ बताया जाए, तो वह संबंधवाचक विशेषण कहलाता है। इस तरह के विशेषण क्रिया, क्रिया-विशेषण आदि से बनते हैं।
जैसे: अंदरूनी यह शब्द अन्दर शब्द से बना है जो कि एक क्रिया विशेषण है। भीतरी : यह शब्द भीतर शब्द से बना है। जो की एक क्रियाविशेषण है।
जैसे:
१) ज्वालामुखियों की भीतरी सतह ज्यादा गरम होती है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं भीतरी शब्द का प्रयोग किया गया है।
यह शब्द हमें ज्वालामुखी की बाहरी एवं भीतरी सतह के सम्बन्ध के बारे में बता रहा है। यह शब्द भी एक क्रियाविशेषण शब्द से बना हुआ है। अतः यह उदाहरण संबंधवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेगा।

7. तुलनाबोधक विशेषण
जैसा कि हम सभी जानते हैं विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। लेकिन कई बार दो वस्तुओ के गुण दोष आदि की तुलना कि जाती है। जिन शब्दों से दो वस्तुओं कि परस्पर तुलना की जाती है वे शब्द तुलनाबोधक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:
१) राम सुरेश से ज्यादा सुन्दर है।
यहाँ दो व्यक्तियों की विशेषताओं की तुलना की जा रही है।
२) ज़िन्दगी में एक शेर की भांति निडर होना चाहिए।
३) मिल्खा बोल्ट से ज्यादा तेज़ भागता है।
४) सभी महासागरों में प्रशांत महासागर विशालतम है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं ज्यादा सुन्दर, निडर, ज्यादा तेज़, विशालतम आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है।
इन शब्दों से दो या दो से ज्यादा वस्तु, व्यक्ति स्थान आदि के गुण दोष आदि की तुलना की जा रही है। इनसे हमें पता चल रहा है कि श्रेष्ठ या सर्वश्रेष्ठ कौन है। अतः ये उदाहरण तुलनाबोधक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

8. प्रश्नवाचक विशेषण
ऐसे शब्द जिनका संज्ञा या सर्वनाम में जानने के लिए प्रयोग होता है, जैसे कौन, क्या आदि वे शब्द प्रश्नवाचक विशेषण कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हमें किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में ज्यादा जानने की कोशिश की जाती है।
जैसे:
१) मेरे जाने के बाद कौन यहाँ आया था ?
२) तुम कौन सी वस्तु के बारे में बात कर रहे हो?
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं, कौन शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह शब्द किसी वस्तु या व्यक्ति के बारे में जानकारी लेने में सहायक है। अतः ये उदाहरण प्रश्नवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

स्वाध्याय एवं गृहकार्य
निम्नलिखित विशेषण शब्दों का भेदों के अनुसार वर्गीकरण कीजिए :-
दस          हल्का      हमारे      मीटर           थोडा      अनेक
उसकी     अधिक     प्रसन्न      वीर              सात       पहला
ज्यादा      तुम्हारा     थोड़े       किलोग्राम     कितने     लीटर

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Monday, April 27, 2020

हिंदी - सर्वनाम

सर्वनाम
परिभाषा :
जो शब्द संज्ञा के नामों की जगह प्रयुक्त होते हैं उसे सर्वनाम कहते हैं ।
जैसे :- मैं , तू , यह , वह , आप , जो , सो , कौन , क्या , कोई , कुछ आदि।

सर्वनाम के भेद :-
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निजवाचक सर्वनाम
3. निश्चयवाचक सर्वनाम
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
5. संबंधवाचक सर्वनाम
6. प्रश्नवाचक सर्वनाम

 1. पुरुषवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसका प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा की जगह पर किया जाता है। इसका प्रयोग स्त्री और पुरुष दोनों के लिए किया जाता है। जिस सर्वनाम का प्रयोग सुननेवाले यानि श्रोता , कहने वाले यानि वक्ता और किसी और व्यक्ति के लिए होता है उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- मैं , तू , वह , हम , वे , आप , उसे , उन्हें , ये , यह आदि।

पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद :-
1. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
2. मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
3. अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम

1. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों का प्रयोग कहने वाला खुद को प्रकट करने के लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला खुद के लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- मैं , हम , हमारा , मुझे , मुझको , हमको , मेरा , हमें आदि।

2. मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम:- जिन शब्दों को सुनने वाले के लिए प्रयोग किया जाता है उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला यानि वक्ता , सुनने वाले यानि की श्रोता के लिए प्रयोग करता है उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- तुम , आप , तू , तुझे , तुम्हारा , आप , आपको , तेरा , तुम्हे , आपका , आप लोग , तुमसे , तुमने आदि।

3. अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम :- जो व्यक्ति उपस्थित नहीं होता है वह वक्ता और श्रोता के लिए अन्य व्यक्ति होता है। जिन शब्दों का प्रयोग अन्य व्यक्तियों के लिए किया जाये वे सभी अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम होते हैं। अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला , सुनने वाले के अलावा जिसके लिए करता है उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- वह , वे , उसने , यह , ये , इसने , वो , उसका , उनका , उन्हें , उसे आदि।

2. निजवाचक सर्वनाम :- निज शब्द का अर्थ होता है अपना और वाचक का अर्थ होता है बोध। अपनेपन का बोध करने वाले शब्दों को निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन सर्वनामों का प्रयोग कर्ता के साथ अपने पन का बोध करने के लिए किया जाता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जहाँ पर वक्ता अपने या अपने आप शब्द का प्रयोग करता है वहाँ पर निजवाचक सर्वनाम होता है।
जैसे :- हमें , तुम , अपने , आप , अपने आप , निजी , खुद , स्वंय आदि।
(1)  मैं आप वहीं से आया हूँ।
(2) उन्होंने मुझे रहने के लिए कहा था और आप चलते बने।
(3) अपने से बड़ों का आदर करना उचित होता है।
(4) मैं यह कार्य आप ही कर लूँगा।

3. निश्चयवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह , वह , वे , ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।
जैसे :-
१) वह मेरा गॉंव है।
2)  यह मेरी पुस्तक है।
3)  ये सेब हैं।

4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु आदि का निश्चयपूर्वक बोध न हो वहाँ पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- कोई , कुछ , किसी , कौन , किसने , किन्ही को , किन्ही ने , जहाँ , वहाँ आदि।

5. संबंधवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से परस्पर संबंध का पता चले उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जिन शब्दों से दो पदों के बीच के संबंध का पता चले उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- जैसी ,वैसी , जैसा , जो , जिसकी , सो , जिसने , तैसी , जहाँ , वहाँ , जिसकी , उसकी , जितना , उतना आदि।

6. प्रश्नवाचक सर्वनाम :- जिन सर्वनाम शब्दों को प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन शब्दों से प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- क्या , कौन , किसने , कैसे , किसका , किसको , किसलिए , कहाँ आदि।

कृति स्वाध्याय 
वाक्यों में प्रयुक्त सर्वनाम छांँटकर उसके प्रकार लिखिए ।
१) रजा साहब आए । उन्होंने मुझे जगाया ।
२) माँ ने बताया कोई आया था ।
३) वह वीर है ।
४) छत पर कौन दौड़ रहा है ?
५) यही मेरा घर है ।
६) अपना काम स्वयं करो ।
७) जो मेहनत करेगा, वह सफल होगा ।
८) तुम अब घर जाओ ।

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Sunday, April 26, 2020

हिंदी :- संज्ञा

शब्द भेद 

शब्द के आठ भेद हैं -
विकारी शब्द
जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं।
1. संज्ञा
2. सर्वनाम
3. विशेषण
4. क्रिया
अविकारी शब्द (अव्यय )
जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं।
5. क्रिया-विशेषण
6. संबंधसूचक
7. समुच्चयबोधक
8. विस्मयादिबोधक

1. संज्ञा-
किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि तथा नाम के गुण, धर्म, स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- प्रयाग, गाय, प्रेम आदि।

संज्ञा के पाँच भेद

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा-
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष, व्यक्ति,प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- सूरत, रामदीन, मुंबई आदि।

2. जातिवाचक संज्ञा-
जिस संज्ञा शब्द से उसकी संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- बच्चे, रथ, नौकर आदि।

3. भाववाचक संज्ञा-
जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- स्वराज्य, प्रेरणा, सरलता आदि।

4  समूहवाचक संज्ञा
जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के समूह या झुंड का बोध हो उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- सेना, दल, भीड़ आदि।

5. द्रव्यवाचक संज्ञा-
जिन संज्ञा-शब्दों से किसी धातु, द्रव्य आदि पदार्थों का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- पानी, दूध, सोना आदि।

स्वाध्याय और गृहकार्य
निम्नलिखित संज्ञा शब्दों के भेद पहचानिए ।
परदा     शालू       सेना       अंग्रेजी    पशुता
कक्षा     मिटटी    लेखक     ख़ुशी      चाँदी
रेत        सिंहल     टोली      प्यार       कवि
सुजाता  शान       लोहा       पेड़         भीड़   

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Saturday, April 25, 2020

हिंदी - रचना के आधार पर वाक्य के भेद

रचना के आधार पर वाक्य के भेद
1)  सरल वाक्य
जिन वाक्यों में एक कर्ता और एक मुख्य क्रिया हो उन्हें साधारण वाक्य कहते हैं।(सरल वाक्य भी कहते हैं)
जैसे:-
1) एक राजा था।
2) मनुष्य नाखूनों को काटता रहता है ।


2) संयुक्त वाक्य
जहाँ दो या दो से अधिक उपवाक्य किसी समुच्चय बोधक अव्यय शब्द से जुड़े होते हैं वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं । (दो वाक्य और ,वह,या,अथवा , लेकिन, किंतु, परंतु, अतः,सो, इसलिए जैसे समुच्चय बोधक अव्ययों से जोड़े जाते हैं।)
जैसे:-
१) उस रात रजा साहब सपने में आएर शो के लिए मुझे शुभकामना दी ।
२) मैं शरीर से बूढा हूँ किंतु उत्साह में जवान हूँ ।

3) मिश्र वाक्य
जिन वाक्यों की रचना एक से अधिक ऐसे उपवाक्यों से हुई हो, जिनमें एक प्रधान तथा एक गौण वाक्य हो उन्हें मिश्र वाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
१) कल जुहू पर दिन भर विश्राम कर लेंगे तो थकावट दूर हो जाएगी।
२) मन तो करता है कि उन पर जवाबों के तीर चलाऊँ।

कृति कार्य
निम्न वाक्यों के भेद पहचानकर लिखिए‍‍ ।
१) बादल गरज रहे हैं और बिजली चमक रही है।
२) आँख खुली तो मैंने स्वयं को बिस्तर पर पाया  ।
३)  उन्होंने रसोईघर की पीपियाँ टटोली,जो खाली थी ।
४)  भारतीय चरित्र के पवित्र होते हैं ।
५)  इसी लड़के को पुरस्कृत किया गया था।
६)  बादल आए किंतु पानी नहीं बरसा ।

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Friday, April 24, 2020

हिंदी - अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद


 दो प्रश्न होंगे ,रचना के आधार पर वाक्य का भेद पहचानना 1अंक
 दो वाक्य दिए जाएंगे उनमें से एक वाक्य को सूचनानुसार परिवर्तित करना है।

परिभाषा
ऐसा सार्थक शब्द समूह जो व्यवस्थित हो तथा पूरा आशय प्रकट कर सके अर्थात वाक्य कहलाता है ।
उदाहरण:-
1) काठमांडू नेपाल की राजधानी है ।

उद्देश्य और विधेय
उपर्युक्त वाक्य में उद्देश्य - काठमांडू विधेय - नेपाल की राजधानी है ।


वाक्य के भेद

(1)  अर्थ के आधार पर
(2)   रचना के आधार पर

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर याने वाक्य से प्रकट होने वाला अर्थ तथा उससे सूचित होनेवाली भावना ।

1) विधानार्थक वाक्य
जिस वाक्य से किसी क्रिया के करने या होने की सूचना मिलती है उन्हें विधानार्थक वाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
१) एक दिन बाद पूर्णिमा भी थी ।
२) सुबह का समय सैर के लिए अच्छा होता है ।

2)  निषेधार्थक वाक्य
जिस वाक्य से किसी कार्य के निषेध या न होने का बोध होता है उन्हें निषेधार्थक (नकारात्मक)वाक्य कहते हैं। जैसे:-
१) यह सोने की कुल्हाडी तो मेरी है ही नहीं।
२) मनुष्य नाखूनों को बढने नहीं देगा ।

3) प्रश्नार्थक वाक्य
जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए, किसी से कोई बात पूछी जाए उन्हें प्रश्नार्थकवाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
१) क्या तुम खेलोगे?
२) तुम्हारा नाम क्या है?

4) विस्मयार्थक वाक्य
जिन वाक्यों से आश्चर्य याने विस्मय ,हर्ष शोक घृणा आदि भाव धर्म-कर्म हो उन्हें विस्मयार्थक वाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
१) वाह ! क्या सुंदर मूर्ति है !
२) हाय ! अब क्या होगा !

5)  आज्ञार्थक वाक्य
जिन वाक्यों से आज्ञा या अनुमति का बोध होता है उन्हें आज्ञार्थक वाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
१) आप चुप रहिए ।
२) आप जा सकते हैं ।

6) इच्छावाचक वाक्य
जिन वाक्यों में वक्ता की इच्छा आशा या आशीर्वाद व्यक्त हो ऐसे वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं ।
जैसे:-
१) नया साल मुबारक हो !
२) सब सकुशल लौटें ।

7)  संदेहबोधक वाक्य
जिन वाक्यों में कार्य के होने में संदेह अथवा संभावना का बोध होता है उन्हें संदेहबोधक वाक्य कहते हैं।
जैसे:-
१) शायद मैं घर ना रहूंँगा ।
२) वह शायद आप जाए ।

8)  संकेतार्थक वाक्य
जिन वाक्यों में यदि......तो ,जो.....तो जैसे संकेतनुमा समुच्चय वाचक अव्ययों से जुड़े संकेत या ताकित मिलती है ऐसे वाक्य जिनमें संकेत आदि का बोध होता है उन्हें संकेतार्थक वाक्य कहते हैं।
जैसे:-
१) जब वर्षा होती है तब फसल अच्छी होती है ।
२) यदि तुम वहांँ होते तो झगड़ा न होता ।

कृति कार्य
वाक्य पहचानकर लिखें
१)  अगर मुझे मालूम होता तो मैं इस झंझट में न पड़ता ।
२)  हाय!यह कैसी भयकारक घटना है !
३)  मनीषा दसवीं में नहीं पढती है।
४) भारत देश की संस्कृति प्राचीन है ।
५)  तुम मेरी सगी बहन नहीं हो ।
६)  तुम्हारे गांँव में रेल नहीं है ?
७)  आज उमेश की परीक्षा खत्म हुई होगी ।

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Thursday, April 23, 2020

विद्यार्थी - सूचना

विद्यार्थी मित्रहो,
कसे आहात ? घरीच रहा, सुरक्षित रहा .मी जो तुम्हाला अभ्यास देतो आहे तो अभ्यास करताय ना . कोण अभ्यास करते व कोण नाही हे मला कळते आहे. मी पाठविलेला अभ्यास अल्फिया, मोनाली, सचिन, प्रशंसा, साहिल हे  नियमितपणे करत आहेत. त्यांचे अभिनंदन ! मी पाठविलेला अभ्यास ऑनलाईन असल्याने त्याचा उपयोग अन्य शाळेतीलच विद्यार्थी जास्त करत आहेत. खरेतर हा उपक्रम तुमच्यासाठी आहे. काल परीक्षा दिलेल्या विद्यार्थ्यांची यादी सोबत पाठवत आहे. तुम्ही आहात का त्यामध्ये शोधा आणि त्यामध्ये नसाल तर अभ्यासाला सुरवात करा. काही अडचण येत असेल तर केव्हाही मला फोन करा.
धन्यवाद!

हिंदी - सहायक क्रिया

सहायक क्रिया


दो वाक्यो में से किसी भी एक वाक्य में से सहायक क्रिया को पहचान कर उसका मूल रूप लिखना है ।

जो क्रिया मुख्य क्रियाओं की सहायता करती हैं , उस क्रिया को सहायक क्रिया कहा जाता है ।
जैसे:- 
 1.गाय को चारा देना चाहिए ।
    देना  ( मुख्य क्रिया )
   चाहिए ( सहायक क्रिया )

उदाहरण :-

1) टैक्सी सडक पर तेजी से दौड पडी ।
उत्तर:- पडी - पडना ।

2) करामत लक्ष्मी को सडक पर ले आया ।
उत्तर:- आया - आना ।

3) बच्चे रेत का घर बनाने में जुट गए ।
उत्तर:- गए - जाना ।

4) लक्ष्मी को बेच दो ।
उत्तर:- दो - देना ।

5) बच्चे कुर्सी - मेज पर चढकर खेलने लगे ।
उत्तर:- लगे - लगना ।

स्वाध्याय एवं कृतिकार्य

सहायक क्रियाएंँ पहचान कर उनका मूल रूप लिखिए ।

1)  इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती ।

2)   मैं चुपचाप पडा रहूंँगा ।

3) बच्चे खेलने लगे ।

4)  ऐसे में एक दिन टैक्सी कमरे के सामने आकर रुकी ।

5)  एक आदमी आते ही मेरी छाती पर सिर रखकर औंधा पड रोने लगा ।

6)  हाय ! तुम्हें क्या हो गया ?

7)  मैं गलत कमरे में आ गया था ।

8)  कहकर वह चला गया ।

9)   वही रोने की आवाज मुझे पडोस से सुनाई पडी ।

10)  करीबी मित्र समझकर टैक्सीवाले को पैसे दे दिए ।

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Wednesday, April 22, 2020

हिंदी - वाक्य शुद्धीकरण

 वाक्य शुद्धीकरण


व्याकरण
 तीन अशुद्ध वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों में आयी दो अशुद्धियां निकाल कर वाक्य फिर से शुद्ध लिखकर शुद्ध शब्दों को रेखांकित करना है ।


 वाक्य रचना में अनेक कारणों से अशुद्धियां होती हैं ।जैसे
पदक्रम , वाक्य रचना,कर्ता, विशेषण,क्रिया,कारक लिंग वचन या वर्तनी की अशुद्धियों के कारण वाक्य अशुद्ध लिखे जाते हैं।

कुछ उदाहरण

1)  मेरे को पुस्तक दो ।
उत्तर:- मुझे पुस्तक दो।


2)  मेरा लक्ष केवल विद्या प्राप्ति होगी।
उत्तर:-  मेरा लक्ष्य केवल विद्या प्राप्ति होगा

3)  कक्षा में प्रत्येक छात्रों की उपस्थितीता अनिवार्य है।
 उत्तर:-  कक्षा में प्रत्येक छात्र की उपस्थिति अनिवार्य है ।

4)  बच्चों से गुस्सा न करो ।
उत्तर:- बच्चों पर गुस्सा न करो ।

5)  हत्त्यारे को मृत्युदंड का सजा मिलेगी ।
उत्तर:- हत्यारे को मृत्युदंड की सजा मिलेगी।

6)  अध्यापक ने घर गया और सोया ।
उत्तर:- अध्यापक घर गया और सो गया

7)   ये पंक्तीयां पंचवटी से ली गई है।
उत्तर:- यह पंक्तियांँ पंचवटी से ली गई हैं

8) इतनी रात गई आप कहां थे ?
उत्तर:- इतनी रात गए आप कहांँ थे ?

9) मुझे बीस रुपया चाहिए।
उत्तर:- मुझे बीस रुपये चाहिए।

10)  लता कितनी मधुर गाती है ।
उत्तर:- लता कितना मधुर गाती है ।


कृति कार्य

पाठ में से किए गए अशुद्ध वाक्यों को आप को सुधार कर लिखना  हैं ।

1)  सरकार अब ज्यादा चिनी लेने वालों पर टैक्स लगाएगा ।

2)  यही की शादी तय करने में खुबसुर्ति का हिस्सा कितना होना चाहिए ।

3)  पिछले महिने में इसका आंखें दुखने लगी थी ।

4)  थोड़ा और बैठा रहो उमा !

5)  अपने मेरा इज्जत उतारने के लिए मुझे यहां बुलाया थी ?

6) मुझे अपना इज्जत और अपनी मान का खयाल तो है ।

7)  आपके लाढले बेटे की रीढ़ की हड् डी भी है या नहीं ।

8)  दोनो बाहर चला जाते हैं।

9)  वे गाते-गाते एक साथ रुक जाता हैं ।

10)    यह जी तस्वीर टंगी हुआ है कुत्ते वाला इसी ने बनाई है।

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Tuesday, April 21, 2020

हिंदी - विराम चिह्न

विराम चिह्न


 विराम चिह्न रहित वाक्य में दो उचित विरामचिह्न लगाने हैं ।

विराम चिह्न:-  'विराम' का शाब्दिक अर्थ होता है, ठहराव।

लिखते समय लेखक यों ही नहीं दौड़ता, बल्कि कहीं थोड़ी देर के लिए रुकता है, ठहरता है और पूरा (पूर्ण) विराम लेता है। यही कारण है कि लेखनकार्य में भी विरामचिह्नों का प्रयोग करना पड़ता है।
यदि इन चिन्हों का उपयोग न किया जाय, तो भाव अथवा विचार की स्पष्टता में बाधा पड़ेगी और वाक्य एक-दूसरे से उलझ जायेंगे और तब पाठक को व्यर्थ ही परेशानी का सामना करना पडेगा।
      पाठक के भाव-बोध को सरल और सुबोध बनाने के लिए विरामचिन्हों का प्रयोग होता है।
सारांश यह कि वाक्य के सुन्दर गठन और भावाभिव्यक्ति की स्पष्टता के लिए इन विरामचिह्नों की आवश्यकता और उपयोगिता मानी गयी है।

हिन्दी में प्रयुक्त विराम चिह्न
- हिन्दी में निम्नलिखित विरामचिह्नों का प्रयोग अधिक होता है-

हिंदी में प्रचलित प्रमुख आठ विराम चिह्न निम्नलिखित है-
(1) अल्प विराम ( , )
(2) अर्द्ध विराम  ( ; )
(3) पूर्ण विराम ( । )
(4)प्रश्नचिह्न (?)
(5) विस्मयादिबोधक चिह्न ( ! )
(6) निर्देशक ( - )
(7) कोष्ठक ( () )
(8) अवतरण चिह्न या      उद्धरणचिह्न ( ''... '' )

विशेष जानकारी के लिए

(9) विवरण चिह्न ( :- )
(10) अपूर्ण विराम ( : )
(11) योजक चिह्न
 आदि चिह्नों का प्रयोग किया जाता है ।

(1)अल्प विराम ( , ) - 
वाक्य में जहाँ थोड़ा रुकना हो या अधिक वस्तुओं, व्यक्तियों आदि को अलग करना हो वहाँ अल्प विराम ( , ) चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
जैसे :-  (1)हम बत्तीस घनिष्ठ मित्र हैं, एक-से-एक मजबूत।

(2) अर्द्ध विराम (;)
 अल्प विराम की अपेक्षा कुछ अधिक काल तक ठहरना पड़ता है ।
जैसे:- 1) कोरोना के कारण व्यवसाय बंद है ; वाणिज्य बंद है; कृषि कार्य बंद है; हाहाकार मच रहा है।

 (3) पूर्ण विराम (।)
यह चिह्न जहां हो वहां भलीभांति ठहरना चाहिए ।यह चिह्न कथन पूर्ण होने का संकेत देता है ।
जैसे :- 1) निराला बडे अच्छे कवि थे ।

(4) प्रश्न चिह्न (?)
प्रश्नबोधक वाक्य के आगे पूर्ण विराम के बदले (?)यह प्रश्न बोधक चिह्न लगाते हैं।
जैसे:- 1) क्या यह संभव हो सकता है ?


(5) विस्मयादिबोधक चिह्न ( ! )
विस्मय,शोक, करुणा, प्रार्थना, आज्ञा आदि चित्तवृत्ति दिखाने वाले शब्द,पद, वाक्यांश या वाक्य के आगे विस्मय बोधक (!) चिह्न लगाते हैं।
जैसे:- 1)  वाह! क्या बनावट की थी स्तूप की ।

(6) निर्देशक चिह्न
   जहां वाक्य टूट गया हो,जहां कोई पद या वाक्यांश किसी कारण से लिखने योग्य न हो और जहाँ किसी पद या वाक्य की भूल सुधारने या अधिक जोर डालने के लिए निर्देश चिह्न लगाते हैं ।
जैसे:-  1) नेता जी ने कहा - तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा ।

(7) कोष्ठक चिह्न ([  ] ,{  } ,( ) ) किसी पद , समानार्थी शब्द, वाक्यांश,को कोष्ठक चिह्न के भीतर रखते हैं ।
जैसे:- 1) सुरेश :(स्वगत)अब क्या  करूं ?

(8) अवतरण चिह्न 
  (  '------' )इकहरा अवतरण
  (  "------" )दुसरा अवतरण
जैसे:-  1) माँ हँसकर कहतीं, " जा-जा बेचारा मेरे काम में पूजा-भोग की बात नहीं उठाता कभी।"

(9) विवरण चिह्न(:-) (-)
किसी पद की व्याख्या करने या किसी के बारे में विस्तार से कहने के लिए ( :-) (-) चिह्न लगाते हैं।
जैसे:-  1) पसंद आ गई तो अच्छा है, वरना  -

(10) अपूर्ण विराम
किसी विषय से संबंधित पद या व्याख्या करने , विस्तार से कहने या टिप्पणी आदि वाक्य देने केलिए अपूर्ण विराम लगाते हैं।
जैसे:-  1) सागर : पिंटू ......पिंटू ! चलो हमें जाना हैं ।

(11) योजक चिह्न
हाइफन (-)
 यह चिह्न निर्देशक चिह्न से लगभग आधे से भी छोटा होता है
जैसे:-  1) मेरी चाची ने फुस-फुसाकर कहा ।

कृति कार्य
पाठाध्यापन के बाद पाठ में आए सभी प्रकारके विराम चिह्न सहित वाक्य चुनकर लिखना व चिह्नों को नामनिर्देशन करना है।

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मान गए ...गुरु !


Monday, April 20, 2020

हिंदी - मुहावरें

मुहावरें



परीक्षा के समय आनेवाली कृति :-
1.मुहावरे का अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग करना ।
2.दो मुहावरों में से किसी भी एक मुहावरे का अर्थ अपने वाक्य में लिखकर  प्रयोग करना है और प्रयुक्त मुहावरा रेखांकित करना  ।
2 विकल्प में अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए गए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिरसे लिखना है


आपके लिए 
 पाठ्यपुस्तकों में आए मुहावरों का अर्थ स्वयं जानें और उनका अपने लेखन में अपनी ही भाषा में प्रयोग करें । अर्थ की दृष्टि से दृढ़ करें महत्वपूर्ण मुहावरों को रेखांकित कर अर्थ और वाक्य प्रयोग करने की आदत नियमित रूप से डालने से कठिनाइयाँ कम हो सकती हैं ।


1  नाम- निशान न रहना  _ अस्तित्व मिट जाना ।
वाक्य में प्रयोग - भूकंप के कारण गाॅंव का नाम - निशान मिट गया  ।

2  मन न लगना  - इच्छा न होना ।
वाक्य में प्रयोग- कोरोना के कारण घर पर मन न लगता है ।

3  तिलिस्म टूटना - सच्चाई सामने आना।
वाक्य में प्रयोग- जादूगर की पोल खुल जाने पर उसका तिलिस्म टूट गया ।

4 मुँह लटकाना  - निराश होना।
वाक्य में प्रयोग - मनचाहा खिलौना न मिलने पर सियोना मुँह लटका कर बैठ गई ।

5  आँखे फाडकर देखना  - आश्चर्य से देखना ।
वाक्य में प्रयोग- साक्षता सर्कस आँखे फाडकर देख रही थी  ।


स्वाध्याय और कृतिकार्य 
कक्षा दसवीं के पाठ्यपुस्तक में आए हुए सभी मुहावरों की तैयारी कीजिए ।

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Sunday, April 19, 2020

विद्यार्थी मित्रांसमवेत


रांगोळी स्पर्धा

विद्यार्थी मित्रहो,
आपण कोरोना मुळे बरेच दिवस घरीच आहात. तुम्हाला नक्कीच घरी राहण्याचा कंटाळा आला असेल. पण आपल्याला लाॅकडाऊन असे पर्यंत तरी घरात सुरक्षित राहायचे आहे. मग घरात बसल्या बसल्या तुम्ही रांगोळी काढली तर! किती छान वाटेल ना तुम्हाला. तर मग काढा रांगोळी  आणि रांगोळीचा फोटो पाठवा माझ्या हाॅटस् अॅप नंबर वर. तुमच्या पैकी ज्यांची रांगोळी छान असेल अशा गुणानुक्रमे  प्रथम तीन विद्यार्थ्यांना शाळा सुरु झाल्यावर मुख्याध्यापिका मॅडम यांचे हस्ते बक्षीस दिले जाईल. रांगोळीचा फोटो पाठविण्याचा कालावधी आहे रविवार दि. १९/४/२०२० ते बुधवार दि. २२/0४/२०२० पर्यंत. धन्यवाद!

हिंदी - प्रेरणार्थक क्रिया

प्रेरणार्थक क्रिया
कक्षा- आठवी, नौवी एवं दसवीं
अपनी कापी में लिखे ।
दो क्रियाओं में से किसी भी एक का प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखना .

परिभाषा 
प्रेरणार्थक  क्रिया :- जिस क्रिया से इस बात का बोध होता है कि कर्ता स्वयं कार्य न कर किसी दूसरे से करवाता है,किसी को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है इस क्रिया को प्रेरणार्थक  क्रिया कहते हैं।
प्रथम प्रेरणार्थक :-  कार्य पूर्ण करने में एक ही प्रेरणा हो तो उसे प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते है ।
जैसे :-  शिक्षक छात्रों से पत्र लिखाते हैं।
द्वितीय प्रेरणार्थक :- यदि दो की प्रेरणाएं  हो तो द्वितीय प्रेरणार्थक कहते हैं .
जैसे:- शिक्षक मातापिता को कह छात्रों से पत्र लिखवाते हैं।

पाठ्य विषय से  संबंधित कुछ उदाहरण
ध्यान में रखें :
क्रिया के अंत में आना जोडने से प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया बनती है ।
क्रिया के अंत में वाना जोडने से द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया बनती है ।
दौडना      दौडाना   दौडवाना
बोलना      बुलाना    बुलवाना
रोना         रुलाना    रुलवाना
मिलना     मिलाना   मिलवाना
पीना.        पिलाना  पिलवाना
बनाना       बनाना    बनवाना
मानना      मनाना       मनवाना
लिखना     लिखाना    लिखवाना
जलना     जलाना      जलवाना
सुनना      सुनाना       सुनवाना

स्वाध्याय और गृहकार्य

क्रिया           प्रथम प्रे.         द्वितीय प्रे.

उतरना          -------             -------
फुटना           -------             -------
भागना           -------             -------
बीतना          -------             -------
देखना            -------             -------
ओढना          -------             -------
गिरना             -------             -------     
जागना           -------             -------   
काटना          -------             -------     
फिरना          -------             -------  
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Saturday, April 18, 2020

हिंदी - काल परिवर्तन

कक्षा दसवीं -काल परिवर्तन एक वाक्य वर्तमानकाल,  भूतकाल और भविष्यकाल में कैसे परिवर्तित किया जाता है उसे देखते है।

छात्राें व्याकरण के लिए नई कापी कीजिए ।

(1) वर्तमानकाल

1) साहिल स्कूल में पढ़ता है। (सामान्य वर्तमानकाल) 
2) साहिल स्कूल में पढ़ रहा है ।(अपूर्ण वर्तमानकाल)
3) साहिल स्कूल में पढ़ा है। (पूर्ण  वर्तमानकाल)

(२) भूतकाल

1) साहिल स्कूल में पढ़ा ।(सामान्य भूतकाल )
2) साहिल स्कूल में पढ़ रहा था (अपूर्ण भूतकाल )
3) साहिल स्कूल में पढ़ा था ।(पूर्ण भूतकाल)

(३) भविष्य काल
1) साहिल स्कूल में पढेगा। ( सामान्य भविष्यकाल )
                 
कृतिकार्य

मैंने कुछ उदाहरण करके दिखाए हैं।

1) अल्फिया सुबह जल्दी उठती है ।(सामान्य वर्तमानकाल)
2) अल्फिया सुबह जल्दी उठी ।(सामान्य भूतकाल)
3) अल्फिया सुबह जल्दी उठ रही थी ।(अपूर्ण भूतकाल)
4) अल्फिया सुबह जल्दी उठी थी ।(पूर्ण  भूतकाल )

निचे दिए हुए वाक्य हल करते समय ऊपर दिए गए वाक्य जरुर पढें।

प्रश्न : निम्नलिखित वाक्यों का सूचनाओं के अनुसार  काल- परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए ।
1  शाहिद पीछे की ओर मुडता है । ( सामान्य भविष्यकाल )
2) रहमान लक्ष्मी को मारता है । (पूर्ण  वर्तमानकाल)  
3) विदा का क्षण आ गया । ( सामान्य भविष्यकाल )
4) ठीक ग्यारह बजे प्रधानमंत्री बाहर आते है ।(सामान्य भूतकाल)
5) मोनाली उसकी ओर देखती है । (अपूर्ण वर्तमानकाल)

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Friday, April 17, 2020

सामान्य ज्ञान परीक्षा

विद्यार्थी मित्रहो, बरेच दिवस आपण शाळेत नसल्यामुळे थोडी शाळेची गोडी लागावी म्हणून साधे सामान्य ज्ञानाचे प्रश्न पाठवित आहे. https://testmoz.com/q/2811811 या लिंक वरून सामान्य ज्ञानाचे प्रश्न तुम्ही सोडवा.हि लिंक ओपन झाल्यावर  Enter your name  मध्ये तुमचे नाव टाका. तुम्ही किती प्रश्न सोडविले? त्याला किती गुण मिळाले? हे मला कळणार आहे. तुमचे गुण मी तुम्हाला कळवील. तर सोडवा सामान्य ज्ञान प्रश्नसंच परीक्षा. काही अडचण आलीच तर मला फोन करा. best of luck. 

Thursday, April 16, 2020

वाट पाहतेय...लाॅक डाऊन संपण्याची !

ज्याप्रमाणे आत्म्याशिवाय शरीर नाही त्याचप्रमाणे विद्यार्थी मित्र-मित्रीनिनो तुमच्या शिवाय शाळा नाही. 

आठवणीतील काही क्षण


विद्यार्थ्यांना हेलिकॉप्टर दाखवताना मुख्याध्यापिका व शिक्षक वृंद 


प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु!

प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु! दि कॉन्फरन्स ऑफ चर्चेस ऑफ ख्राइस्ट इन वेस्टर्न इंडिया संस्थेचे, मिशन गर्ल्स हायस्कूल, श्रीगोंदा, ता. ...