Wednesday, May 13, 2020

हिंदी - भिन्नार्थक शब्द


भिन्नार्थक शब्द

किसी भी भाषा में आपस में मिलते जुलते शब्द होते हैं कभी एक समान तो कभी लिखावट की दृष्टि से थोड़ा फर्क रहता है लेकिन अर्थ अलग रहता है । ऐसे ही शब्द हिंदी में मराठी संस्कृत या अन्य भाषाओं से आए हैं ।हम कुछ आपस में मिलते जुलते लेकिन भिन्नार्थक शब्दों का परिचय कर लेते हैं।

जैसे:- 
आदि - वगैरह
आदी - अभ्यस्त

अर्घ - पूजा
अर्ध - आधा भेंट देने योग्य

अलि - भ्रमर 
अली - सखी

अनिष्ट - बुरा
अनिष्ठ - निष्ठाहीन

अनु - पीछे
अणु - सूक्ष्म कण

आरति - विरक्ति
आरती - दीपदर्शन

बलि - बलिदान पशु बलि 
बली - वीर बलवान

बहु - ज्यादा
बहू - पुत्रवधू

चिढ - गुस्सा
चीड़ - एक वृक्ष ,बेंत

दाई - दासी,आया
दाईं - दाहिऊ

द्वार - दरवाजा
द्वारा - जरिए मार्फत

दूत - संदेश वाहक 
द्युत - जुआ

दिन - दिवस
दीन - ‌‌गरीब

निम्नलिखित शब्दों के भिन्न-भिन्न अर्थ स्पष्ट कर लिखिए।

द्विप - हाथी
द्वीप - टापू प्रदेश

गेंडा - गन्ना
गैंडा - एक पशु

गोर - कब्र , गोरा       
गौर - विचार ,ध्यान

हरि - मेंढक , भगवान 
हरी - हरे रंग की

जल्द - तुरंत तत्काल
जलज - कमल जलजात

जाति - जाति वंश
जाती -  मालती चमेली का फूल

जानि - स्त्री
जानी - जान संबंधी प्रिय

जितना - जिस मात्रा में
जीतना - विजय प्राप्त करना

काश - अगर
कास - खांसी ,सहिजन का वृक्ष

कृत - सत्ययुग
कृत् -  प्रत्यय का नाम

कृति - कार्य काम
कृती - कुशल पुण्यात्मा

मूल - जड
मूल्य - कीमत

नष - नख
नस - नाडी

परूष - कठोर
पुरुष - नर

प्रकृत - यथार्थ
प्राकृत - एक भाषा

प्रणाम - नमस्कार
प्रमाण - सबूत

प्रथा - रीति
पृथा - अर्जुन की माता

परिणत - रूपांतरित
परिणित - विवाहित

परिणाम - फल
परिमाण - माप नाप

पलित - पहला हुआ , वृद्ध
पलीत - भूत प्रेत 

कृति कार्य
पाठ में आए आपस में मिलते जुलते लेकिन भिन्नार्थक शब्दों को छांँटकर लिखिए ।

https://testmoz.com/q/3312900  इस लिंक पर जाकर परीक्षा दीजिए।

Tuesday, May 12, 2020

हिंदी - कृदंत

कृदंत

धातु ,जिसे प्रत्यय लगाकर क्रिया बनाई जाती है तथा अंत में अक्कड ,अंत ,भाई ,ई, ऊ,इया आदि कृत प्रत्यय लगाने से बनने वाले शब्द कृदंत कहलाते हैं।
जैसे:- 
जाना से      जा
चलना से     चल 
खाना से       खा

कृदंत का उपयोग संज्ञा अथवा विशेषण के समान होता है।
जैसे:- 
फेरीवाले का आगमन हुआ।(संज्ञा)
दौड़ने वाले व्यक्ति का नाम उषा है।(विशेषण)
कुछ उदाहरण
प्रत्यय
अक्कड = बूझना - बुझक्कड 
                घूमना  - घुमक्कड़
इयल = अडना - अड़ियल
             सड़ना - सड़ियल
इया =   लिखना - लिखिया 
               धुनना  - धुनिया
एरा =   लूटना -  लुटेरा 
            कमाना -  कमेरा 
            बसना  -  बसेरा 
वाला = बौखलाना - बौखलानेवाला 
             रखना - रखवाला 

कृत प्रत्यय क्रिया  के मूल धातु रूप के साथ लगकर संज्ञा और विशेषणों का निर्माण करते हैं।
कुछ उदाहरण
सजाना = सजावट      (आवट)
पटना =  पठनीय       (अनीय)
वाक् =   वक्तव्य       (तव्य)
गा =   गवैया             (वैया )
लेना  = लेनदार         (दार)
डुबना = डूबता          (ता)
खोना =  खोया          (या)
भूलना = भूला          (आ)

कृति कार्य
दिए गए  शब्दों से मूल धातुरूप अलग करके प्रत्यय लिखिए।
जैसे:-  
झगड़ालू  - झगड आलू
खिलौना -  खेल औना
सुमरनी -   सुमर    नी
झाडन -   झाड     न
उडान -   उड.      आन
बुलावा -  बोल  आवा
प्यास -    पी      आस
सनसनाहट - सनसन  आहट
बहाव -  बह   आव 
मिलाप - मिल   आप 
बनवाई - बन  वाई
बचत -  बच     त
क्रीडा - क्रीड   
दौड़ना - दौड़  ना
हंसते - हंस  ना 
लिखकर - लिख   कर
गढंत - गढ   अंत
लडना - लड़   
बोलना -  बोल   
रोकना - रोक   आ  
मिलना - मिल 
धोना - धो  आ 
जोतना - जोत     
पीटना - पीट   
मुस्कराना - मुस्कान   आहट
अटकना - अटक 
काटना - काट
अटकाना - अटक    आना
भागना - भाग     
चाटना - चाट   

स्वाध्याय एवं कृतिकार्य
पाठ में आए कृदंत और तद्धित प्रत्यय एवं उपसर्ग अलग करके लिखिए।

https://testmoz.com/q/3294288  इस लिंक पर जाकर परीक्षा दीजिए ।


Monday, May 11, 2020

हिंदी - तद्धित


प्रत्ययघटित शब्द

तद्धित 
शब्द के बाद जो अक्षर या अक्षरसमूह लगाया जाता है उसे प्रत्यय कहते हैं।

प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं।
1.तद्धित प्रत्यय
2.कृदंत

तद्धित - 
धातु (क्रिया)को छोड़कर अन्य किसी विकारी शब्द संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण में प्रत्यय लगाने से बनने वाले शब्द तद्धित कहलाते हैं।
जैसे:-  
बंगाल - बंगाली   (  ई )
भूख - भूखा      ( आ )
बुरा - बुराई          (आई)
पंडित - पंडिताऊ  (आए)
भीख - भिखारी    (आरी )
मीठा - मिठास.    (आस)

आहट = कड़वा - कड़वाहट
           गरम - गरमाहट
इक =  समाज - सामाजिक
          साहित्य - साहित्यिक
तद्धित प्रत्यय अलग करके लिखिए
जैसे:- 
दुखिया    (आ)
डिबिया   (आ)
रसोइया.......इया
धनी......ई
लालची......ई
ऊनी.......ई
नमकीन......ईन
रंगीन......ईन
शौकीन......ईन
चमकीला - ईला
सुरीला......ईला
जहरीला......ईला
पेटू....ऊ
चालू.....ऊ 
बाजारू.......ऊ
सड़कें.  .....एं
बोतलें....एं
पुस्तकें......एं
लिपिक ......क
लेखक.....क
गायक .......क
कथाकार....कार
चित्रकार.....कार
पत्रकार....कार
घूसखोर.....खोर
सूदखोर ......खोर
जादूगर....गर
सौदागर ....गर
बौद्ध....अ
शैल... अ
शाक्त......अ
लकड़हारा...हारा
सर्वहारा....हारा
श्रेष्ठतम......तम
महानता ......ता
गोपनीय....ईय
लाघव....व
शैशव .....व
तीरंदाज......अंदाज
गोलंदाज...... अंदाज

प्रत्यय लगाइए
जैसे:- 
पूजा - पुजारी
लट्ठ - लठैत
डाका.....डकैत
मिठाई....मिठाईवाला
पानी.....पनहारा
पंच..... पंचायत
चिकना .....चिकनाहट
मुख..... मौखिक
साहस..... साहसी
बर्फ...बर्फीली
निर्णय....निर्णायक
सीमा ....सीमांत
आकर्षण..... आकर्षक
निसर्ग..... नैसर्गिक
प्रकृति.... प्राकृतिक

कृति कार्य -
पाठाध्यापन के बाद पाठ में आए सभी तद्धित प्रत्ययघटित शब्द छांँटकर उनके प्रत्यय अलग करके लिखिए।

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Sunday, May 10, 2020

हिंदी - उपसर्ग और प्रत्यय

उपसर्ग और प्रत्यय

उपसर्ग
उपसर्ग वे शब्दांश हैं जो किसी शब्द से पूर्व लगकर उस शब्द का अर्थ बदल देते हैं या नयी विशेषता उत्पन्न कर देते हैं।
जैसे :- 
अतिक्रमण (अति+क्रमण)

हिंदी में संस्कृत भाषा से उपसर्ग
अति,अधिक ,अनु अप,अभि,अव,आ,उतर,उप,दुस/दुर,
निर/,निस्,नि, परा,परि,पत्र,प्रति,वि,सम् /सं,

कुछ उदाहरण
अत्यंत 
अतिरिक्त
अधिकार
अनुभव
अपकार
अभिमान
अवकाश
आकंठ 
उत्तम
उच्छवास
उपग्रह
दुराचार
दुस्साहस
निरपराध
निर्जन
निपात
पराजय
परिकल्पना
प्रकृति
प्रतिक्रया
विकल 
संकल्प
संसार
सुकर
अंतर्धान

हिंदी के उपसर्ग
अध ,अन,उन,औ,अव,दु,नि,पर,बिन,भर,से/सु,।
फारसी उर्दू के उपसर्ग
ऐन,कम,खुश,गैर,दर,ना,ब,बा,बुरा,बिला,से ,ला,सर,हम,हर   ।

प्रत्यय
जो शब्दांश धातु रूप या शब्दों के अंत में लगकर नये शब्दों का निर्माण करते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं।
जो प्रत्यय क्रिया के मूल धातु -रूप के साथ लगकर संज्ञा और विशेषणों का निर्माण करते हैं वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे
पढ़ पढ़ाई (आई)
हिंदी के कृत प्रत्यय
अक्कड - घुमक्कड़
अन - ढक्कन
 अन्त - रटंत
आ - भूला लिखा भटका
आई - दिखाई,कमाई
आए - कमाऊ ,बिकाऊ 
आक - तैराक चालाक
आका - लड़का 
आकू - लड़ाकू
आन - मिलान
आव - बहाव
आवट - मिलावट
आहट - चिल्लाहट
इया - घटिया
ई - हंसी
ऐया - खिवैया 
औंना - खिलौना
क - लेखक 
कर - गिनकर
त - खपत
ता - बहता
 ती - गिनती 
वाई - सुनवाई

  उपसर्ग और प्रत्यय यह बड़ा सूक्ष्म विषय है हमें अध्ययन  के समय पाठ में आए  हरेक उपसर्ग और प्रत्यय घटित शब्दों की ओर सहेतुक दृष्टि से देखना चाहिए। 
हिंदी में संस्कृत मराठी अरबी फारसी और उर्दू से अनेक शब्द आए हैं । इसलिए हमें पाठ में आए प्रत्येक शब्द की उत्पत्ति व मौलिक रचना किस प्रकार की होती है यह देखना चाहिए।
और ऐसे उपसर्ग और प्रत्यय घटित शब्द अलग-अलग करके लिखना है।
ऊपर केवल संक्षिप्त जानकारी दी गई है।

https://testmoz.com/q/3238078   इस लिंक पर जाकर परीक्षा दीजिए ।

Saturday, May 9, 2020

हिंदी - कठिन शब्दों के अर्थ

कठिन शब्दों के अर्थ

वास्तव में शब्द कभी भी कठिन नहीं होता वह हमारे लिए अपरिचित होता है।हमने उसे जानने समझने की कोशिश नहीं की होती है।
शब्द कठिन नहीं नया होता है ।और ऐसे शब्दों का अर्थ हमें मालूम होना जरूरी है । हिंदी भाषा में तीन चार लाख से भी अधिक शब्द है सभी के सभी हमें परिचित नहीं होते कुछ शब्द नये होते हैं अर्थ की दृष्टि से कठिन लगते हैं ऐसे ही कुछ शब्दों से आज हम परिचित करवा रहे हैं।

कुछ अपरिचित शब्द

बथान  = गाय बैल को बांधने का स्थान (गोठा)

मवेशी = खेती उपयुक्त पशु 

हौका =दीर्घ नि:श्वास

खली = तिलहन (पेंड)

कांजी हाऊस = मवेशीखाना (कोंडवाडा)

औंधा = उल्टा ,ओणवा

क्लिस्ट = जटिल = ‘कठिन’।

अट्टालिका = किसी उंच्ची इमारत का ऊपरी कक्ष या हिस्सा।

जिजीविषा =  जीवित रहने की इच्छा।

तारतम्य = किसी घटना या क्रम की आवृत्ति।

अक्षुण्ण = जिसके टुकड़े करना संभव ना हो।

कृतघ्न= उपकार ना मानने वाला।

निर्वाण का अर्थ – मुक्ति, मोक्ष या मृत्यु

निर्माण  – बनना

बाग़  – बगीचा

आचार  – व्यवहार या आचरण

कंगाल – जिस के पास बिल्कुल धन न हो

तरणि  – नौका

अनिष्ट  – नुक़सान

अवधि  – काल

आभास  – अनुभूति

दैव  – भाग्य

अश्लील = गंदा

अनायास= बिना मेहनत के

अभियान= उद्देश्यपूर्ण यात्रा

अस्थि= हड्डी

अनुचित= बुरा

रिक्त= खाली

विख्यात= मशहूर

शिखर= पहाड़ की चोटी

संशोधन= सुधार

सुरभित = सुगंधित

सिद्ध= प्रमाणित

वसुधा = धरती

वसन= कपड़ा

वरुण = जल के देवता

प्रभाकर= सूर्य

संगणक = कंप्‍यूटर

नश्वारता = नाशवान

यत्किंचित = थोड़ा बहुत

प्रगल्भ =चतुर, हाेशियार

क्षीणवपु - कमजोर

आरूझाई- उलझाना

पाषाण कोर्त्तक= पत्थर की मूर्ति बनाने वाला

निर्निमेष =अपलक देखना

चरायंध = दुर्गंध

सांसोच्छेदन =सांसों को समाप्त करना

श्लाघ्य = प्रशंसनीय

स्वैराचार = स्वेच्छाचार  

सुमुत्सुक = उत्साहित

वात्याचक्र = भंवर

हस्तामलकवत्=हथेली पर रखे आंवले के समान

भक्ष्याभक्ष = खादय, अखादय

विस्थापन=लोगों को अपने घरों एवं जमीनों से हटाना।

गाद = नदियों द्वारा वहन किये जाने वाले मिट्टी, रेत, धूल एवं पत्थर।

स्वैच्छिक संस्था = एक संस्था जो सरकार से स्वतंत्र हो।

अम्बर = वस्त्र, आकाश

अन्तर = फर्क, दूरी, भेद

चक्र = एक अस्त्र, षड्यंत्र, पहिया

जलधर = बादल, सागर

पूत = पवित्र, पुत्र

सूत = सारथी, धागा
 
अभिराम = मनोहर

मंदर = पर्वत

युगल = दो का जोड़ा

व्यजन = पंखा  

सम्प्रति = अब

स्मित = मुस्कान

द्विप = हाथी

परिषद् = सभा

चरम = अंतिम सीमा

भित्ति = दीवार

व्याधि = बीमारी

स्वेद = पसीना  

द्वीप = टापू

प्राकार = चारदीवारी

कृति कार्य
1. निम्नलिखित नए शब्दों का अर्थ अपनी काफी में लिखिए ।
 
2. स्वाध्याय 
प्रत्येक पाठ में आए लेकिन आपको कठिन या अपरिचित लगने वाले शब्दों की सूची बनाइए और शिक्षकों से  अर्थ जानने व लिखने की कोशिश कीजिए।

https://testmoz.com/q/3236714  इस लिंक पर जाकर परीक्षा दीजिए ।

Friday, May 8, 2020

हिंदी - समोच्चारित हिंदी मराठी शब्द



समोच्चारित  हिंदी मराठी  शब्द

हिंदी में अनेक ऐसे शब्द हैं जो लिखने बोलने और दीखने में एक समान होते हैं लेकिन वे अन्य भाषाओं से आने के कारण अलग-अलग अर्थ रखते हैं।
ऐसे अनेक शब्द हिंदी में मराठी, संस्कृत, अरबी, फारसी, अंग्रेजी आदि भाषाओं से आए हैं । हमें इनके अर्थों में व वर्तनी में होने वाला भेद भी जानना आवश्यक होता है । ऐसे ही कुछ समोच्चारित शब्द हम शब्द संपदा के अंतर्गत देख रहे हैं।

जैसे:- 
बस का हिंदी में अर्थ होता है नियंत्रण
फारसी में प्रर्याप्त
अंग्रेजी में वाहन बस 

आम 
एक फल
सामान्य

कम 
अंग्रेजी युक्त
हिंदी में न्यून

इसी प्रकार कुछ समोच्चारित शब्द देखते हैं।

अंश - भाग
अंस - कंधा 

अचल - पर्वत
अचला - पृथ्वी

अति - बहुत
इति - समाप्त

अनिल - वायु
अनल - आग

अन्न - अनाज
अन्य - दूसरा 

अचर - जड़
अचिर - शीघ्र

अतल - गहरा 
अतुल - काफी ,बड़ा 

अधम - नीच
अधर्म - पाप

अणु - कण
अनु - पीछे

अदृश्य - गायब ,दिखाई न दे
अदृष्ट - भाग्य

अपकार - बुरा 
उपकार - भला 

अंत - समाप्ति
अन्त्य - अंतिम

अपेक्षा - आवश्यकता
उपेक्षा - तिरस्कार

अंबु - माता 
अम्बु - जल 

अवध - प्रांत का नाम
अवध्य - न मारने योग्य

आकर - खान
आकार - आकृति 

रज्जु - रस्सी
ऋजु - सीधा ,सरल

लक्ष्य - उद्देश्य
लक्ष - लाख

वर्ण - रंग ,अक्षर
वरण - स्वीकार 

वसन - वस्त्र
व्यसन - बुरी आदत

वारिद - मेघ
वारिधि - समुद्र

विलक्षण - विचित्र
विचक्षण - दूरदर्शी

विमर्श - आदान प्रदान
विमर्ष - क्रोध

विस्मय - हैरानी
विषमय - जहर भरा

वेश्या - गणिका
वैश्या - वैश्य की पत्नी

व्यंजन - खाद्य पदार्थ
व्यजन - पंखा (विजन सुनसान)

व्याकरण - भाषा शास्त्र
वैयाकरण  - व्याकरण जाननेवाला 

शाम - सायं काल
श्याम  -  काला ,एक नाम 

शिखर - चोटी
शेखर - मस्तक 

पिक - कोयल
पीक - पान की थूक

पुत - एक प्रकार का नरक
पूत - पवित्र , पुत्र

पुर - नगर
पूर - जलप्रवाह

शेर -  सिंह
सेर -  एक प्रकार का धान

शूक - एक प्रकार का कीड़ा
शुक - तोता

शिर  - मस्तिष्क
क्षीर -  दूध

शमा -  चिराग, मोमबत्ती, दीया
समाॅं -  समय वक्त

शील - स्वभाव, आचरण
सील - नमी , आर्द्र-

शुचि -  पवित्र
सूची - तालिका

स्कंद -  विनाश
स्कंध - कंधा ,भाग

सलिल -  जल
सलील -  सहजता से

सुकर - सहज
सूकर - सूअर

सुरभि -  सुवास गंध
सुरभी - वसंत ,गाय

विजन - एकांत 
वीजन - पंखा

विद - समूह ,पानी की बूंद
विंध - विंध्याचल

साई - पेशगी
साईं - ईश्वर 

विना - अलावा
वीणा -  एक तंतुवाद्य, बाजा

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Thursday, May 7, 2020

हिंदी - शब्दयुग्म


शब्दयुग्म

परिभाषा
हिंदी भाषा के अनेक शब्द ऐसे हैं, जिनका उच्चारण प्रायः एक समान होता हैं। किंतु, उनके अर्थ भिन्न होते है। इन्हे 'युग्म शब्द' कहते हैं।
हिन्दी में शब्दों को समोच्चरितप्राय भिन्नार्थक शब्द'  कहते हैं। हिन्दी भाषा मात्रा, वर्ण और उच्चारण प्रधान-भाषा है। इसमें शब्दों की मात्राओं अथवा वर्णों में परिवर्तन करने से अर्थ में काफी अन्तर आ जाता है।
अतएव, वैसे शब्द, जो उच्चारण की दृष्टि से असमान होते हुए भी समान होने का भ्रम पैदा करते हैं, युग्म शब्द होते हैं।
सुनने में समान; परन्तु भिन्न अर्थवाले शब्द ।
जैसे:- 
आप हमारे श्वजन हैं।
आप हमारे स्वजन हैं।
अगर किसी मेहमान को कहा कि 
आइए जी ,आप हमारे श्वजन हैं।
अगर वह श्वजन का अर्थ भलिभांति जानता हो तो मामला बिगड़ जाएगा।
स्वजन याने अपने नजदीकी मेहमान।और श्वजन  याने कुत्ता।

यहाँ ऐसे युग्म शब्दों की सूची उनके अर्थो के साथ दी जा रही है-

 अ.क्र. शब्द अर्थशब्द  अर्थ
 1 अंस कंधा  अंश हिस्सा
2 अँगन घर का आँगन अंगना स्त्री
3 अनिल हवा अनल आग
 4 अम्बु जल अम्ब माता, आम
 5 अथक बिना थके हुए  अकथ जो कहा न जाय
6 अध्ययन  पढ़ना अध्यापन पढ़ाना
 7 अधम नीच अधर्म पाप
 8 अली सखी अलि  भौंरा
 9 अन्त समाप्ति अन्त्य नीच, अन्तिम
 10 अम्बुज कमल  अम्बुधि सागर

  1. असन - भोजन
  2. आसन - बैठने की वस्तु
  1. अणु - सूक्ष्म कण
  2. अनु - एक उपसर्ग, पीछे
  1. अभिराम  - सुन्दर
  2. अविराम - लगातार, निरन्तर
  1. अपेक्षा - इच्छा, आवश्यकता, 
  2. उपेक्षा - निरादर
  1. अवलम्ब - सहारा
  2. अविलम्ब - शीघ्र
  1. अतुल - जिसकी तुलना न हो सके
  2. अतल -  तलहीन
  1. अचर - न चलनेवाला
  2. अनुचर - दास, नौकर
  1. अशक्त - असमर्थ, 
  2. शक्तिहीन - असक्त,विरक्त
  1. अगम -  दुर्लभ, अगम्य
  2. आगम - प्राप्ति, शास्त्र
  1. अभय - निर्भय
  2. उभय - दोनों
  1. अब्ज - कमल
  2. अब्द  - बादल, वर्ष
  1. अरि - शत्रु
  2. अरी - सम्बोधन (स्त्री लिंग के लिए)
  1. अभिज्ञ - जाननेवाला
  2. अनभिज्ञ- अनजान
  1. अक्ष  - धुरी,आस
  2. यक्ष - एक देवयोनि
  1. अवधि  - काल, समय
  2. अवधी - अवध देश की भाषा
  1. अभिहित - कहा हुआ
  2. अविहित - अनुचित
  1. अयश - अपकीर्त्ति
  2. अयस - लोहा
  1. असित - काला
  2. अशित - भोथा
  1. आकर -  खान
  2. आकार - रूप
  1. आस्तिक - ईश्वरवादी
  2. आस्तीक - एक मुनि
  1. आर्ति - दुःख
  2. आर्त्त  - चीख
  1. अन्यान्य - दूसरा-दूसरा
  2. अन्योन्य - परस्पर
  1. अभ्याश - पास
  2. अभ्यास -  रियाज/आदत
  1. आवास - रहने का स्थान
  2. आभास  - झलक, संकेत
  1. आकर -   खान
  2. आकार - रूप, सूरत
  1. आदि -  आरम्भ, इत्यादि
  2. आदी - अभ्यस्त, अदरक
  1. आरति - विरक्ति, दुःख
  2. आरती -  धूप-दीप दिखाना
  1. आभरण - गहना
  2. आमरण -  मरण तक
  1. आयत - समकोण चतुर्भुज
  2. आयात - बाहर से आना
  1. आर्त -  दुःखी
  2. आर्द्र -  गीला
  1. इत्र -  सुगंध
  2. इतर - दूसरा
  1. इति - समाप्ति
  2. ईति -  फसल की बाधा
  1. इन्दु -चन्द्रमा
  2. इन्दुर - चूहा
  1. इड़ा - पृथ्वी/नाड़ी
  2. ईड़ा - स्तुति
  1. उपकार - भलाई
  2. अपकार - बुराई
  1. उद्धत - उद्दण्ड
  2. उद्दत -  तैयार
  1. उपरक्त - भोग विलास में लीन
  2. उपरत - विरक्त
  1. उपाधि - पद/ख़िताब
  2. उपाधी -  उपद्रव
  1. उपयुक्त - ठीक
  2. उपर्युक्त - ऊपर कहा हुआ
  1. ऋत  - सत्य
  2. ऋतु - मौसम

कृति कार्य
गद्य या पद्य पाठ के अध्ययन के बाद आप ऐसा शब्दयुग्म तैयार करें।
शब्द युग्म शब्दों का संग्रह कर अपनी कक्षा में कार्डबोर्ड (चार्ट )पर अपने हस्ताक्षर में लिखकर लटकाए 

https://testmoz.com/q/3202570  इस लिंक पर जाकर परीक्षा दीजिए ।


Wednesday, May 6, 2020

हिंदी - अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

अनेक शब्दो के लिए एक शब्द
  

संक्षेप में लिखना किसी भी भाषा का एक महत्वपूर्ण गुण है।अनेक शब्दों के लिए एकही शब्द होना यह हिंदी भाषा की भी विशेषता रही  है।

 ऐसे कुछ उदाहरण हम देखते हैं।

१)  जो करने योग्य न हो - अकरणीय

२) जिसके पास कुछ न हो - अकिंचन

३) जिसे देखा न जा सके - अगोचर

४) जिसका जन्म न हुआ हो - अजन्मा

५) जिसका कोई शत्रु न हो - अजातशत्रु

६) जिसका आदि न हो- अनादि
 
७) खोज करनेवाला  - अन्वेषक 

८) बुराई के लिए प्रसिद्ध - कुख्यात

९) अपनी स्त्रियां स्वयं करनेवाला - आत्मघाती

१०) जिसका ऋण चुका दिया हो -उऋण

११) तीन माह में एक बार होनेवाला-त्रैमासिक

१२) जो पुत्र गोद लिया गया हो -दत्तक

१३) आगे की सोचने वाला - दूरदर्शी

१४)  हानि को पूरा करना ----क्षतिपूर्ति

१५) साठ वर्षपूर्ति वाला उत्सव --हीरकमहोत्सव 

१६) दूसरे के काम में दखल देना      --हस्तक्षेप

१७) पचास वर्षपूर्ति वाला उत्सव ---स्वर्णजयंती

१८) जो सरलता से प्राप्त हो ---सुलभ 

१९) सारी भूमि से संबंधित ---सार्वभौम

२०) मांस खाने वाला ---सामिष/मांसाहारी 

२१) सप्ताह में एक बार होनेवाला ---साप्ताहिक

२२)  एक दूसरे से संबंधित --- सापेक्ष

२३) सहन करने की शक्ति वाला ---सहिष्णु /सहनशील

२४) सर्व प्रकार की शक्तियों से संपन्न ---सर्वशक्तिमान

२५) पत्नी के साथ -----सपत्नीक

२६)  सिर पर धारण करने वाला ---शिरोधार्य

२७) वीर बालकों को जन्म देने वाली ---वीरप्रसु

२८) जिस पर विश्वास किया गया हो ---विश्वस्त

२९) जिस पुरुष की पत्नी मर गई हो ----विधुर

३०) वर्ष में एक बार होनेवाला ----वार्षिक

३१) जिसे वाणी पर पूरा अधिकार हो ---वाचस्पति

३२) लेने की तीव्र इच्छा ----लिप्सा

३३) युद्ध में स्थिर रहने वाला --युधिष्ठिर

३४) युग का निर्माण करने वाला ---युगनिर्माता

३५) कम खाने वाला ---मिताहारी

३६) एक मास में एक बार होनेवाला ---मासिक

३७) मर्म को चोट पहुंचाने वाला ---मर्मांतक

३८)  झाग  से भरा हुआ ---फेनिल

३९)  इतिहास से पहले का --प्रागैतिहासिक

४०)  बुद्धि ही जिसके नेत्र हो ---प्रज्ञाचक्षु

४१) आंँख के सामने ---प्रत्यक्ष

४२) दो सप्ताह में एक बार प्रकाशित होनेवाला --पाक्षिक

४३) जिसके आर पार देखा जा सके ---पारदर्शक

कृतिकार्य
अनेक शब्दों के लिये एक शब्द -
आपको अपरिचित शब्दों को अपनी कापी में लिखकर संग्रहित करें ।

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Tuesday, May 5, 2020

हिंदी = समानार्थी ( पर्यायवाची ) शब्द

समानार्थी ( पर्यायवाची ) शब्द
एक अर्थ को प्रकट करने वाले अनेक शब्दों को प्रर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहते हैं।प्रत्येक भाषा में ऐसे शब्द हुआ करते हैं।
भाषा में एक ही शब्द का बार -बार प्रयोग करना अच्छा नहीं लगता , इसलिए समानार्थी शब्दों का ज्ञान आवश्यक है ।

नीचे दिए हुए समानार्थी शब्दों का अभ्यास कीजिए ।
१) कोमल = मुलायम  
२) उजला = सफ़ेद 
३) बाल = केश 
४) हल = समाधान 
५) नाक = नासिका 
६) प्रकाश = रोशनी 
७) पर = पंख 
8) चाँद = चंद्रमा
९) मौका = अवसर 
१०) हवा = वायु  
११) धरती = जमीन 
१२) बिजली = विद्युत 
१३) आकाश = आसमान 
१४) स्वप्न = सपना 
१५) मूल्य = कीमत 
१६) दृष्टि = नजर 
१७) सहसा = अचानक 
१८) किनारा = तट 
१९) आदर = सन्मान 
२०) निरादर = अपमान 
२१) अंधकार =  अंधेरा,तम, तिमिर
२२) अजेय = अजित,अपराजय, अपराजित
२३) अनुचर  = सेवक,दास,भृत्य,नौकर
२४) अमृत = सुधा ,पीयूष,सोम,अभी,
२५) आंँख =  दृग,लोचन, चक्षु, नेत्र, नयन, विलोचन
२६) आकाश  = अंबर गगन,नभ ,व्योम, शून्य
२७) इच्छा =  आकांक्षा,मनोरथ, कामना,चाह
२८) उद्यान = उपवन,बगीचा, बाग, वाटिका

कृतिकार्य
प्रत्येक पाठ में आए शब्द चुनकर समानार्थी शब्द लिखिए ।
समानार्थी शब्दों का संग्रह -बुक तैयार कीजिए ।

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Monday, May 4, 2020

हिंदी - विलोम शब्द

विलोम शब्द

कुछ शब्दों के युग्म ऐसे होते हैं जो परस्पर विरोधी होते हैं।ऐसे युग्म विलोम या विपरीतार्थक (विरुद्ध अर्थ) शब्द कहे जाते हैं।

जैसे नया और पुराना परस्पर विरोधी हैं।
हिंदी भाषा में भी ऐसे विलोम शब्दों की जोड़ियां उदाहरण के रूप में देखते हैं।
जैसे
अंधकार -    प्रकाश
अधिक    -   न्यून
अनुकूल   -  प्रतिकूल
अनुरक्ति -  विरक्ती
आचार  -   अनाचार
आदर   -   निरादर
आदान  -   प्रदान
उत्तर    -   दक्षिण
उत्थान  -   पतन
कीर्ति   -    अपकीर्ति
दोषी    -    निर्दोष
नवीन    -   प्राचीन
प्रस्तुत   -   अप्रस्तुत
वरदान   -   शाप
शांत    -    अशांत

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द -
१.अनुज - अग्रज
२.अनुराग- विराग
३.अपव्यय- मितव्यय
४.आकर्षण- विकर्षण
५.आगत- अनागत
६.आगामी- विगत
७.आदर्श- यथार्थ
८.आध्यात्मिक- भौतिक
९.आभ्यंतर- बाह्य
१०.आर्द्र- शुष्क
११.आज्ञा- अवज्ञा
१२.उग्र- शांत
१३.उत्कर्ष- पराभव/अपकर्ष
१४.उद्दंड- विनम्र
१५.उर्वरा- ऊसर
१६.ऋणी- उऋण
१७.ऋजु - कुटिल/वक्र
१८ओछा- उदार
१९.कृपालु- क्रूर
२०.घातक - रक्षक
२१.छली- निश्छल
२२.जागृति- सुषुप्ति/निद्रिस्त
२३.ठोस- तरल
२४.तटस्थ - पक्षधर
२५.प्रत्यक्ष - परोक्ष
२६.प्राच्य- पाश्चात्य
२७.भोगी-  योगी
२८.संकीर्ण- विस्तीर्ण
२९.सर्वज्ञ - अल्पज्ञ
३०.सुघड - अनगढ

कृतिकार्य
पाठ में आए विलोम शब्दयुग्म  तैयार करें।

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Sunday, May 3, 2020

हिंदी - लिंग

लिंग 
     शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात होता है कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का उसे लिंग कहते हैं।

लिंग के प्रकार
1) पुल्लिंग
पुरुष जाति  के शब्द पुल्लिंग
लड़का, मनुष्य, घोड़ा ,देश
नित्य पुल्लिंग शब्द
जैसे:-
उल्लू , कीड़ा, तोता, खरगोश, कौआ, खटमल, पक्षी, भेड़िया, मच्छर, पशु
देशों के नाम प्राय: पुल्लिंग होते हैं।
उसी प्रकार
पर्वत ,अनाज ,पेड़ ,धातु ,ग्रह ,वार ,
मास ,समुद्र ,बहुमूल्य पदार्थों ,तेल ।
आदि पुल्लिंग में होते हैं ।
लेकिन कुछ अपवादों को छोड़ कर ।

2) स्त्रीलिंग
स्त्री जाति के शब्द स्त्रीलिंग कहलाते हैं।
लड़की, देवी ,घोड़ी ,गायिका
नित्य स्त्रीलिंग शब्द
जैसे:-
सन्तान, सवारी, मछली, मक्खी, मकड़ी, मैना, लोमड़ी, गिलहरी, कोयल, भेड़, बुलबुल
ई कारांत शब्द प्राय: स्त्रीलिंग में होते हैं । 
नदी ,रोटी ,टोपी ,उदासी ,बोली ,लेखनी पोथी ।
भाषाओं के नाम , लिपियों के नाम , तिथियों के नाम, स्त्रीलिंग में होते हैं ।

संदर्भानुसार उभयलिंगी शब्द
राजदूत आया ।
राजदूत आयी ।
डॉक्टर  मंत्री  प्रधानमंत्री  राष्ट्रपति अध्यक्ष  मैनेजर

आ जोड़ने से लिंग परिवर्तन
अनुज    अनुजा
आचार्य   आचार्या
छात्र        छात्रा
बाल        बाला
भवदीय    भवदीया

ई प्रत्यय के योग से 
देव     देवी
पहाड़   पहाड़ी
घोड़ा    घोड़ी
दास    दासी

इया  प्रत्यय जोड़कर
कुत्ता    कुतिया
चूहा     चुहिया
डिब्बा।   डिबिया

नी जोड़ने से
ऊंट     ऊंटनी
जाट     जाटनी
भील    भीलनी

इनी जोड़ने से
अभिमानी   अभिमानिनी
एकाकी      एकाकिनी
तपस्वी       तपस्विनी

आनी प्रत्यय जोड़कर
इंद्र         इंद्रानी
चौधरी    चौधरानी
जेठ       जेठानी
भव     भवानी

अक को इका करने से
अध्यापक    अध्यापिका
गायक         गायिका
दर्शक         दर्शिका
पुस्तक         पुस्तिका

भिन्न शब्दों वाले लिंग युग्म
अभिनेता     अभिनेत्री
कवि            कवयित्री
गाय             बैल
नर                नारी /मादा
पुत्र                पतोहू (पुत्र बधू)
भाई               भावज बहन

कृतिकार्य
अपने प्रत्येक पाठ में आए पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्द छांँटकर लिखिए ।

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Saturday, May 2, 2020

हिंदी - वचन

वचन

शब्द के जिस रूप से उसके एक अथवा अनेक होने का बोध होता है उसे वचन कहते हैं।

हिंदी में दो वचन हैं।
१) एकवचन
२) बहुवचन

१) एकवचन
शब्द के जिस रूप से उसके एक संख्या में होने का बोध होता है उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे:-
लड़का, पतंग, पुस्तक,गाड़ी, पुरुष।

२) बहुवचन
शब्द के जिस रूप से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं का बोध होता है उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे:-
लड़कें ,पतंगें , पुस्तकें, गाड़ियां, पुरुषों ।

गणनीय संज्ञाएंँ  जिसे गिना जाता है।
भेजें पुस्तकें,सेब,संत्रे ,मकान
अगणनीय संज्ञाएंँ  (जिसे नापातौला जा सकता है ऐसी )
सोना ,चांदी ,आटा ,तेल ,घी

आदर  सूचित करने के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है ।
जैसे:-
महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे।
मेरे पिताजी अध्यापक हैं।
निम्न संज्ञाएं  सदा बहुवचन में प्रयुक्त होती हैं।
जैसे:-
लोग ,दर्शन,प्रजा ,रोम ,प्राण ,बाल,होश ,हस्ताक्षर ,चरण ।

जिन शब्दों के साथ जाति दल सेना समूह आदि प्रयुक्त होता है उनका प्रयोग एकवचन में होता है।
जैसे
मनुष्यजाति
छात्रदल
जनसमूह

भाववाचक संज्ञाएं एकवचन में होती हैं ।
मिठास ,सुंदरता ,मोह

पुल्लिंग संज्ञाओं का बहुवचन
कारात संज्ञाओं के अंतिम आ के स्थान पर कारांत लगाने से बहुवचन होता है।
जैसे:-
कपड़ा कपड़े
बच्चा बच्चें
पंखा पंखे
लड़का लड़कें
(अपवाद काका,मामा,लाला,पापा,नाना, चाचा,दरोगा ,पंडा,ओझा,दारा )

वचनों के समान रूप(एकवचन और बहुवचन )
बालक बालक
योगी योगी
साधु साधु
कवि कवि

याॅं जोड़कर
जाति जातियांँ
तिथि तिथियांँ

को इयांँ जोड़कर बहुवचन
घोड़ी घोड़ियांँ
लड़की लड़कियांँ
स्री    स्रीयाँ

लगाने से बहुवचन
आत्मा आत्माएंँ
धेनु धेनुएंँ
गौ  गौएंँ
बहू बहुएंँ

कृतिकार्य
वचन बदलिए
पुस्तक     आंँख     काफी     चिड़िया     चाचा
कुत्ता        सेना      झाड़ू       मामी         पडोसिन
पति         माला     परीक्षा     डिबिया      दादा
नातिन      पड़ोसी  ग्रंथ         ग्वालन

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Friday, May 1, 2020

हिंदी - संधि

संधि

संधि की परिभाषा
संधि का अर्थ होता है मेल या फिर मिलना। जब हम दो शब्दों को मिलाते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनी एवं दुसरे शब्द कि पहली ध्वनी मिलकर जो परिवर्तन लाती है, उसे ही संधि कहते हैं।

जब संधि किये गए दो शब्दों को हम अलग अलग करके लिखते हैं तो वह संधि विच्छेद कहलाता है।
संधि के कुछ उदाहरण
तथास्तु : तथा + अस्तु
इस उदाहरण में आ एवं अ मिलकर आ बन गए एवं अ का लोप हो गया।

पदोन्नति : पद + उन्नति
इस उदाहरण में अ एवं उ मिलकर ओ बन गए। उ का लोप हो गया।

सर्वोच्च : सर्व + उच्च
इस उदाहरण में भी अ एवं उ मिलकर ओ बन गए व उ का लोप हो गया।

चिरायु : चिर + आयु
ऊपर दिए गए उदाहरण में र एवं आ मिलकर रा बना देते हैं।

समानांतर : समान + अंतर
ऊपर दिए गए उदाहरण में न एवं अ ने मिलकर ना बना दिया है।

प्रत्येक : प्रति + एक
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं ति एवं ए ने मिलकर त्ये बना दिया।

संधि के भेद :
1) स्वर संधि
2) व्यंजन संधि
3) विसर्ग संधि

1. स्वर संधि
जब दो स्वर आपस में जुड़ते हैं या दो स्वरों के मिलने से उनमें जो परिवर्तन आता है, तो वह स्वर संधि कहलाती है। जैसे :

विद्यालय : विद्या + आलय 
इस उदाहरण में आप देख सकते है कि जब दो स्वरों को मिलाया गया तो मुख्य शब्द में हमें अंतर देखने को मिला। दो आ मिले एवं उनमे से एक आ का लोप हो गया।

स्वर संधि के भेद:
1. दीर्घ संधि
संधि करते समय अगर (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ , ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ ,ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है। जब ऐसा होता है तो हम इसे दीर्घ संधि कहते है।
2. गुण संधि
जब संधि करते समय  (अ, आ) के साथ (इ , ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ ,आ)के साथ (उ , ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
3. वृद्धि संधि
जब संधि करते समय जब अ , आ  के साथ  ए , ऐ  हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब अ , आ  के साथ ओ , औ हो तो ‘ औ ‘ बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।
4. यण संधि
जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ र ‘ बन जाता है।
5. अयादि संधि
जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

2. व्यंजन संधि
जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

उदाहरण :
दिक् + अम्बर = दिगम्बर
अभी + सेक = अभिषेक
दिक् + गज = दिग्गज
जगत + ईश = जगदीश

3 विसर्ग संधि

विसर्ग संधि के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार उत्पन्न होता है, हम उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

उदाहरण:
अंतः + करण : अन्तकरण
अंतः + गत : अंतर्गत
अंतः + ध्यान : अंतर्ध्यान
अंतः + राष्ट्रीय : अंतर्राष्ट्रीय

स्वाध्याय गृहकार्य
 कृति पूर्ण कीजिए
संधिविच्छेद और संधिभेद लिखिए
महेश.              सज्जन
दुर्जन                सत्कर्म
सम्मान              महींद्र
उत् +श्वास.        ने +अन
उद् +धरण.        शे +अन
देव +इंद्र            दिक् +गज
नर + ईश.         वाक् + दत्ता
पुन:+चर्या         सत् + गति
*राम +अभिलाषा (राम अभिलाषा)
*आम +चूल.      सत् + वाणी
*बात+रस          वाक् +जाल
हाथ+कंडा     विसर्ग संधि
कभी + इष्ट.       अधोगति
रवि + इंद्र.          मनोबल
गिरि + ईश.         मनोविकार
रजनी + ईश        तेजोमय
शची +इंद्र.          तपोबल
एक +,एक           वयोवृद्ध
 __________


मत +ऐक्य           प्रश्नोत्तर
*महा + ऐश्वर्य.      दुर्बल
*दंत + ओष्ठ         नायिका
*परम + ओज      अत्यंत
*महा +ओज.        उल्लेख
मनोहर.                जगन्नाथ
विद्यार्थी.              संसार 

https://testmoz.com/q/3084682  इस लिंक पर जाकर परीक्षा दीजिए । 


प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु!

प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु! प्रवेश सुरु! दि कॉन्फरन्स ऑफ चर्चेस ऑफ ख्राइस्ट इन वेस्टर्न इंडिया संस्थेचे, मिशन गर्ल्स हायस्कूल, श्रीगोंदा, ता. ...